धर्मशाला। इफको काँगड़ा द्वारा दो दिवसीय नैनो उर्वरकों पर आधारित “प्रशिक्षण एवं भ्रमण” कार्यक्रम का आयोजन हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में किया गया, जिसमे प्रदेश के जिला कुल्लू, मंडी, काँगड़ा, हमीरपुर एवं ऊना से आये 30 प्रगतिशील किसानो ने भाग लिया। प्रशिक्षण की अध्यक्षता डॉ भुवनेश पठानिआ (राज्य विपणन प्रबंधक इफको हिमाचल प्रदेश) डॉ विनोद कुमार लठ (निदेशक प्रसार शिक्षा कृषि विश्वविद्यालय) द्वारा की गयी, सत्र में इफको की ओर से क्षेत्र अधिकारी मंडी रोहित गलोटिया, क्षेत्र अधिकारी काँगड़ा श्रेय सूद एवं SFA काँगड़ा परविंदर सिंह उपस्थित रहे। डॉ लठ ने अपने उदबोधन में सभी प्रतिभागियों को कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर की विभिन गतिविधियों के बारे में अवगत करवाते हुए उन्हें कृषि में नवीनतम तकनीकों पर आधारित उत्पादों जैसे : नैनो यूरिया तरल एवं विभिन जल विलय उर्वरकों के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की एवं भविष्य में नैनो उत्पादों मदद से बहुमूल्य मुद्रा की अनुदान के रूप में बचत के बारे में किसानो को अवगत करवाया। इफको के इस कार्यक्रम के सराहना करते हुए उन्होंने सभी से आग्रह भी किया की वे इन नवीनतम उत्पादों को अपनी कृषि में अपनाकर अपनी उपज एवं आय में वृद्धि ला सकते हैं। इसके पष्चात किसानो को विभिन विशेषज्ञों द्वारा विभिन विषयों पर विस्तृत रूप से जानकारी भी प्रदान की गयी :
1. डॉ लव भूषण (मृदा वैज्ञानिक) द्वारा खेती में “मिट्टी परीक्षण एवं पोषक तत्वों” के महत्व के ऊपर किसानो को विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की गयी। अपने भाषण में उन्होंने पौधों में ज़रूरी पोषक तत्वों एवं उनके फसल के पैदावार के महत्व के ऊपर विस्तार से बताया गया।
2. डॉ संजीव संदल (मृदा वैज्ञानिक) द्वारा कृषि में जल विलय उर्वरक, उनके विभिन प्रकार एवं उनके कृषि में बेहतर उपज के महत्व के ऊपर प्रतिभागियों को विस्तृत जानकारी दी गयी। उन्होंने इफको द्वारा निर्मित विभिन-उच्च गुणवत्ता वाले जल विलय उर्वरक जैसे : 18:18:18, 19:19:19, 17:44:0 एवं अन्य प्रकारों पर किसानो को जानकारी दी एवं फसल चक्र में किन अवस्थाओं पर इन उर्वरको के इस्तेमाल से बेहतर उपज प्राप्ति पर भी जानकारी साझा की।
3. डॉ संदीप मनुजा (सस्य वैज्ञानिक) द्वारा प्रतिभागयों को नवीनतम “नैनो उर्वरकों एवं उनके कृषि में बेहतर उपज के महत्व” पर विस्तृत व्याख्यान साझा किया गया। अपने उद्बोधन में उन्होंने कृषि विश्वविद्यालय में वर्तमान एवं पूर्व में किये गए नैनो यूरिया तरल एवं नैनो DAP पर चलाये गए क्षेत्र परीक्षणों एवं उनके परिणामों से सम्बंधित जानकारी साझा की एवं उन्होंने किसानो को प्रोत्साहित करते हुए उन्हें समझाया की नैनो उर्वरकों की मदद से किसान ना केवल अपनी फसल उपज में वृद्धि पा सकेंगे बल्कि पारम्परिक उर्वरकों के ऊपर निर्भरता भी कम कर पाएंगे जिससे पारम्परिक उर्वरकों के निर्माण पर खर्च होने वाली बहुमूल्य अनुदान राशि की भी बचत होगी।
4. डॉ राज पॉल शर्मा (मृदा एवं इफको चेयर वैज्ञानिक) द्वारा खेती में “नैनो यूरिया के इस्तेमाल से पोषक उपयोग दक्षता में वृद्धि” के महत्व के ऊपर किसानो को विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की गयी। अपने भाषण में उन्होंने पौधों में ज़रूरी पोषक तत्वों एवं उनके फसल के पैदावार के महत्व के ऊपर विस्तार से बताया गया। एवं किसानो को मृदा विज्ञानं विभाग में वर्तमान में लगाए गए नैनो यूरिया पर लगे क्षेत्र परीक्षणों का भी भ्रमण करवाया गया एवं विभाग में वर्मी कम्पोस्ट यूनिट के बावत भी जानकारी दी गयी।
5. डॉ KS वर्मा (कीट वैज्ञानिक) द्वारा फसलों पर आने वाले विभिन प्रकार के कीटों एवं उनकी रोकथाम के ऊपर प्रतिभागियों को विस्तृत जानकारी दी गयी। उन्होंने किसानो मुख्या रूप से मक्की, धान, कनक एवं विभिन सब्जियों में आने वाले मुख्य कीटों एवं उनकी रोकथाम के लिए इस्तेमाल किये जाने विभिन प्रकार के कीटनाशकों के बारे में जानकारी दी।
6. डॉ नानक दस नेगी (फल विज्ञान वैज्ञानिक) द्वारा प्रतिभागयों को विभिन बागवानी सम्बंधित जानकारी प्रदान की गयी एवं किसानो के विभिन सवालों पर भी चर्चा की गयी एवं किसानो को बागवानी विभाग के फार्म का भी भ्रमण करवाया गया।
7. डॉ विशाल डोगरा द्वारा विभिन प्रकार की सब्जियों की फसलों की वैज्ञानिक खेती के ऊपर चर्चा में उन्हें विभिन वैज्ञानिक तथ्यों पर जानकारी साझा की गयी जिसमे आगामी गर्मी के मौसम में ली जाने वाली मुख्य सब्जियों पर किसानो अवगत करवाया गया।
“प्रशिक्षण एवं भ्रमण” कार्यक्रम के समापन समारोह का आयोजन भी प्रसार शिक्षा निदेशालय के लेक्चर हॉल में ही किया गया जिसमे मुख्य रूप इफको हिमाचल प्रदेश के राज्य विपणन प्रबंधक श्री भुवनेश पठानिया, प्रसार शिक्षा निदेशक, कृषि विश्वविद्यालय डॉ विनोद लठ रहे। समापन समारोह में किसानो से प्रशिक्षण सम्बंधित जानकारी एवं फीडबैक लिया गया। अपने उद्बोधन में राज्य विपणन प्रबंधक श्री भुवनेश पठानिया द्वारा किसानो को सम्बोधित करते हुए उन्हें कृषि में नवीनतम तकनीकों पर आधारित उत्पादों जैसे : नैनो यूरिया तरल एवं विभिन जल विलय उर्वरकों के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की एवं भविष्य में नैनो उत्पादों मदद से बहुमूल्य मुद्रा की अनुदान के रूप में बचत के बारे में किसानो को अवगत करवाया।