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हिमाचल स्वास्थ्य विभाग में सरप्लस स्टाफ होगा इधर से उधर होगा। शहरी क्षेत्रों के अस्पतालों की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों और नर्सों की कमी चल रही है। मुख्यमंत्री कार्यालय में भी लगातार इसको लेकर शिकायतें आ रही हैं। व्यवस्था को सुधारने के लिए प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य विभाग से सरप्लस डाॅक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ की जानकारी मांगी है। जहां स्टाफ ज्यादा होगा, उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में भेजा जाएगा।
सरकार को मानना है कि साधारण बीमारियों का इलाज कराने के लिए लोगों को मेडिकल कॉलेज और जोनल अस्पताल न आने पड़े, इसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में स्टाफ मुहैया कराया जाएगा। जुगाड़ लगाकर कई डाॅक्टर, नर्सें और पैरामेडिकल स्टाफ घर के नजदीक सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सेवाएं दे रहे हैं। कई ने डेपुटेशन का सहारा लिया है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इंदिरा गांधी मेडिकल काॅलेज और टांडा में स्टाफ की कमी नहीं है, अन्य चार मेडिकल काॅलेज चंबा, हमीरपुर, नाहन और नेरचौक में स्टाफ की कमी है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इसका भी आकलन किया जा रहा है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात होने हैं विशेषज्ञ चिकित्सा हिमाचल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्पेशलिस्ट डाॅक्टरों की तैनाती की जानी है। इसका भी प्रदेश सरकार ने खाका तैयार किया है। इन अस्पतालों में गायनी, पीडियाट्रिक्स, मेडिसन के स्पेशलिस्ट तैनात किए जाने हैं।