हिमाचल प्रदेश में तापमान बढ़ने के साथ ही बागवानी पर संकट भी बढ़ता जा रहा है। कुछ और दिनों तक बारिश नहीं हुई तो गुठलीदार फलों की पैदावार भी प्रभावित होगी। तापमान बढ़ने से गुठलीदार फलों के पेड़ों में समय से पहले फूल खिलने लगे हैं और फलों की सेटिंग से पहले बगीचों को नमी नहीं मिली तो फलों की पैदावार पर इसका प्रतिकूल असर पड़ेगा। बागवानों का कहना है कि तापमान बढ़ने से इन दिनों बादाम, चेरी, आड़ू, पलम आदि गुठलीदार फलों में समय से पहले फूल खिलने लगे हैं। इसे लेकर बागवानों को चिंता बढ़ती जा रही है। फलों की सेटिंग पर भी गर्मी की मार पड़ने खतरा नजर आ रहा है।
बागवानी विशेषज्ञों का कहना है कि तापमान लंबे समय तक बढ़ा रहता है और बारिश नहीं होती है तो इससे फूल खिलने का क्रम गड़बड़ा जाएगा। पेड़ों में एक साथ फूल खिलने में दिक्कत रहेगी। ऐसी स्थिति में फूल खिलने के बाद गुठलीदार फलों की सेटिंग पर भी काफी हद तक असर पड़ेगा। प्रदेश में बर्फबारी कम होने से फल उत्पादकों की चिंता पहले ही बढ़ गई थी। अब तापमान लगातार बढ़ने से परेशानी भी बढ़ती जा रही है। बताते हैं कि गुठलीदार फलों की सेटिंग के लिए कम से कम हफ्ते तक फूलों का खिला रहना जरूरी माना जाता है और तभी फलो की सेटिंग अच्छी होती है। अगर तापमान बढ़ने से फूल समय से पहले झड़ जाते हैं तो इससे फलों की सेटिंग भी बिगड़ सकती है।
क्या कहते हैं बागवानी विशेषज्ञ
बागवानी विशेषज्ञ डॉ. एसपी भारद्वाज कहते हैं कि तापमान बढ़ने के कारण प्रदेश में गुठलीदार फलों के पेड़ों में समय से पहले फूल खिलने लगे हैं। मौसम विभाग ने अभी अगले दो-तीन दिन बारिश न होने का पूर्वानुमान जताया है। ऐसी स्थिति में फूल खिलने का क्रम भी गड़बड़ाएगा। तापमान लंबे समय तक बढ़ा रहेगा तो गुठलीदार फलों की सेटिंग पर भी विपरीत असर पड़ेगा।