खबर आजतक, धर्मशाला ब्यूरो
अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल मैक्लोडगंज के भागसूनाग की घनी आबादी के बीच में दूरसंचार की निजी कंपनी का मोबाइल टावर लगाए जाने के विरोध में भागसूनाग के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। यह मोबाइल टावर चार मंज़िला निजी होटल की ईमारत के ऊपर लगाया जा रहा है। पब्लिक का कहना है कि यह क्षेत्र भूकंपीय जोन 5 में आता है। ऐसे में घनी आबादी में भूकंप आने पर स्थानीय लोगों और घरों को खतरा बाद जाएगा। पब्लिक की इस दलील को भूविज्ञानी भी सही मानते हैं। जिसपर लोगों ने गोलबंद हो कर विरोध प्रदर्शन किया एवं काम करने से रोका। पिछले कई दिनों से धर्मशाला नगर निगम के वार्ड नंबर दो भागसूनाग की आबादी के बीच दूरसंचार की निजी कंपनी का मोबाइल टावर लगाए जाने को लेकर ग्रामीण विरोध कर रहे हैं।
इस मामले को लेकर इससे पूर्व भी ग्रामीणों ने डीसी कांगड़ा को भी काम रोकने के लिए आवेदन दिया था। स्थानीय लोगों ने बताया कि 5जी टॉवर से रेडिएशन फैलने की चिंता है। इसलिए इस टॉवर को दूसरी जगह लगाने की मांग कर रहे हैं,ताकि हमारे बच्चों का भविष्य सुरक्षित रह सके। पब्लिक का कहना था कि जिला प्रशासन बिना जांच पड़ताल के घनी आबादी वाले एरिया में मोबाइल टावर लगाने की परमिशन दे देता है। टावर की लोकेशन के आसपास कई घर हैं जिससे रेडिएशन का असर यहां रहने वाले बच्चों पर पड़ने का खतरा था। मोबाइल टावर से निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स कैंसर का कारण बनती हैं। इस रेडिएशन से जानवरों पर भी असर पड़ता है। यही वजह है कि जिस एरिया में मोबाइल टावरों की संख्या अधिक होती है, वहां पक्षियों की संख्या कम हो जाती है।केंद्रीय विश्वविद्यालय (CUHP) में कार्यरत प्रसिद्ध भूविज्ञानी प्रोफेसर अंबरीश कुमार महाजन के अनुसार भवन की अपनी नेचुरल फ्रीक्वेंसी जमीन से मेल नहीं खाती तो बिल्डिंग गिर जाती है। ऐसे में भवन पर 10-20 फ़ीट ऊंचा मोबाइल टावर खड़ा कर देंगे तो भूकंप आने पर नुकसान होने की संभावना बढ़ जाएगी।
मोबाइल टावर लगाने के नियम
सबसे पहले तो टावर लगवाने के लिए आस पास के पडोस से NOC लेनी पड़ती है। जब आपके पड़ोसी इस बात से राजी हो तभी यह प्रोसेस आगे बढाया जा सकता है। अगर आप मोबाइल टावर को किसी प्लाट में लगवाना चाहते हैं तो प्लाट 2000 स्क्वायर फिट का होना अनिवार्य है। अगर अपनी घर की छत पर टावर लगवाना चाहते है तो छत पर 500 स्क्वायर फिट का स्थान होना अनिवार्य है। ध्यान रहे की गाँव में टावर के लिए 2500 स्क्वायर फिट जगह होनी अनिवार्य है। वहीँ अस्पताल के निकट 100 मीटर की दूरी तक मोबाइल टावर नहीं लगाया जा सकता है। किस एरिया में नुकसान सबसे ज्यादा
एक्सपर्ट्स की मानें तो मोबाइल टावर के 300 मीटर एरिया में सबसे ज्यादा रेडिएशन होता है। एंटेना के सामनेवाले हिस्से में सबसे ज्यादा तरंगें निकलती हैं। जाहिर है, सामने की ओर ही नुकसान भी ज्यादा होता है। मोबाइल टावर से होने वाले नुकसान में यह बात भी अहमियत रखती है कि घर टावर पर लगे ऐंटेना के सामने है या पीछे। टावर के एक मीटर के एरिया में 100 गुना ज्यादा रेडिएशन होता है। टावर पर जितने ज्यादा एंटेना लगे होंगे, रेडिएशन भी उतना ज्यादा होगा।