धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश कांग्रेस पार्टी के सचिव पुनीत मल्ली ने प्रैस को जारी एक ब्यान में कहा कि चुनावों में हारी हुई तथा जनता द्वारा ठुकराई गई भाजपा मंडली के साथ भाजपा नेता त्रिलोक कपूर ने प्रदेश कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ जो घटिया ब्यानबाजी की है, उससे पहले त्रिलोक कपूर को राजनीति का ज्ञान ले लेना चाहिए था। त्रिलोक कपूर भी जानते हैं कि प्रदेश की जनता ने भाजपा को सत्ता उसे बाहर क्यों किया तथा क्यों वे पालमपुर विधान सभा क्षेत्र से चुनाव हार गए। उन्होंने कहा भाजपा की नालायकियों के कारण हिमाचल प्रदेश की ही नही देश की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है।
यह सही है कि हिमाचल प्रदेश के हालात आज श्रीलंका जैसे हो चुके है। प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अगर सही बात को सही कहा तो भाजपा नेता तिलमिला रहे हैं। कोरोना महामारी का संकट पूरे देश में था, भाजपा पार्टी पर नही। उस दौरान कोरोना काल में विपक्ष में होने के बाद भी कांगेस पार्टी ने जनता के लिए जो किया वे जनता जानती है। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कोरोना संकटकाल में लोगों के उपर मुकदमें दर्ज कर दिए थे, जिन्हे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वापिस लेकर उन्हे राहत प्रदान की है।
पुनीत मल्ली ने कहा कि त्रिलोक कपूर व जयराम ठाकुर भूल जाए कि अब कभी प्रदेश में भाजपा की सरकार सत्ता में आएगी। त्रिलोक कपूर को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रति ब्यानबाजी करने से पहले अपने गिरेबां में झांक लेना चाहिए वह खड़े कहां है तथा जनता के बीच उनका बजूद क्या है। उन्होने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 5 साल तक सत्ता में रहते हुए प्रदेश की जनता को यह कह कर बेबकूफ बनाया कि प्रदेश में डबल इंजन की सरकार भाजपा ने पांच सालों में प्रदेश के खजाने को खत्म कर दिया।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश में व्यवस्थांए अभी बनाना शुरु की है जिससे भाजपा नेताओं की नींद उड़ना शुरु हो चुकी है। यह व्यवस्थाएं जनहित में है भाजपा भी इस बात को समझ रही है, परंतु भाजपा को डर है कि कांग्रेस सरकार की इन व्यवस्थाओं में पूर्व भाजपा सरकार के काले कारनामों की पोल खुल ना जाए वे डरी हुई है।
उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कांगड़ा से भेदभाव की बातें करने से पहले त्रिलोक कपूर को समझना चाहिए उन्हे भी यहां से 11 सीटें मिली थी, परंतु वे जिला में कोई विकास नही करवा पाए यही कारण है कि विस चुनावों मे यहां से भाजपा के दो मंत्रियों को हार का मुहं देखना पड़ा, जबकि जनता ने कांगड़ा जिला से भाजपा को 4 सीटों पर समेट दिया।