हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के जोगिंदरनगर पधर उरला के करालड़ी में देव पशाकोट के भव्य मंदिर का निर्माण भक्तों ने कर दिया है. यहां बहुत लंबे समय से देवता का बहुत पुराना मंदिर था और यह देव पशाकोट का आने जाने का विश्राम होता था. अब यहां पर भक्तजनों ने अस्सी लाख रुपए से भी अधिक लागत से भव्य मंदिर बनाया है.
इस मंदिर की प्रतिष्ठा व उद्घाटन समारोह शुक्रवार को होगा. जिसमें एक साथ चौहारघाटी की तीन देव शक्तियां उपस्थित रहेंगी. इस मंदिर के निर्माण के लिए जिला मंडी ही नहीं अपितु सभी जिलों का सहयोग रहा है. इस मंदिर निर्माण के लिए हिमाचल प्रदेश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोगों ने देवता के नाम से अपनी धनराशि व योगदान यहां पर दी है.
मंदिर निर्माण के लिए कई लोगों ने अपना यहां पर कई प्रकार से सेवा कर सहयोग भी दिया है. इस मंदिर का नजारा देखने से ही बनता है. सराज क्षेत्र से आए कारीगरों ने देवदार की लकड़ी पर काष्ठ कलाका अद्भुत नमूना पेश किया है. रात दिन व कड़ाके की सर्दी में कार्य कर सबको अपनी कला से हैरान कर दिया है.
मंदिर निर्माण के लिए लगभग आठ महीने से ज्यादा का समय लगा है. मंदिर निर्माण में उरला देव कमेटी ने के सदस्यों ने और यहां उरला पंचायत के लोगों ने बढ़-चढ़कर अपना सहयोग दिया है. बुधवार को उरला के इस मंदिर में कलश स्थापना की गई. जिसमें लोगों ने भारी उत्साह के साथ कार्य किया!
वहीं, शुक्रवार को यहां पर तीन महान शक्तियों का दृश्य देखने को मिलेगा. मंदिर कमेटी के प्रधान पूर्ण चंद ठाकुर ने कहा कि शुक्रवार को बड़ा देव हुरंग नारायण देव पशाकोट और सूत्रधारी ब्रहमा यहां पर एक साथ लोगों को अपने दर्शन देंगे और इस भव्य मंदिर का विधिवत रूप से प्रतिष्ठा करेंगे. 11 फरवरी को यहां पर एक विशाल भंडारे का आयोजन भी किया जा रहा है.