हिमाचल में सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार की फ्लैगशिप प्रोग्राम राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूलों के लिए जमीन तलाशने का काम सुपर फास्ट स्पीड पर चल रहा है। उच्च शिक्षा विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार 68 चुनाव क्षेत्रों में से 65 में जमीन चिन्हित कर ली गई है। इसे जल्दी फाइनल कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने एक राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल के लिए कम से कम 100 कनाल जमीन की शर्त रखी है। 65 चुनाव क्षेत्रों में जो जमीन मिली है, उसमें से सिर्फ 10 जगह नॉन फोरेस्ट लैंड है, जो अन्य विभागों की है।
इसे अब शिक्षा विभाग के नाम ट्रांसफर किया जाएगा। बाकी जगह 55 चुनाव क्षेत्रों में फोरेस्ट लैंड ही है। इसे गैर वनीय इस्तेमाल में बदलने के लिए एफसीए के तहत मंजूरी चाहिए होगी। अन दिनों चिन्हित जगह पर ज्वाइंट इंस्पेक्शन चल रही है और एफसीए के लिए केस अपलोड करने को आठ फरवरी की डेडलाइन रखी गई है। इसके बाद मुख्यमंत्री को रिपोर्ट देनी होगी। यही वजह है कि जिला प्रशासन, उच्च शिक्षा विभाग और वन विभाग मिलकर इस अभियान पर लगे हैं। पूर्व भाजपा सरकार के समय तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अटल आदर्श विद्यालय योजना लांच की थी, लेकिन वन मंजूरी में केस फंसे होने के कारण कुल तीन जगह भवन निर्माण शुरू हो पाया था। तब राज्य सरकार ने 28 केस अप्रूव कर दिए थे, लेकिन आगे काम नहीं हो पाया। इससे सबक लेते हुए नए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सबसे पहले वन मंजूरी पर ही फोकस किया है।
नई सरकार के पहले बजट में अब इस स्कीम का वित्तीय खाका सामने आएगा। राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल बनने कैसे हैं, इस बारे में उच्च शिक्षा विभाग ने आरएफपी जारी कर रखा है। इसकी डिजाइन और ड्राइंग बनाने की इच्छुक कंपनियों के लिए छह फरवरी को फ्री बिड मीटिंग रखी गई है। टेंडर भरने और खुलने की आखिरी तारीख 12 फरवरी है। प्रति चुनाव क्षेत्र राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल बनाने पर कितना खर्चा सरकार मंजूर करेगी? यह बजट घोषणा से ही पता चलेगा। इन स्कूलों में होस्टल नहीं बन रहे हैं, जैसा प्रावधान जयराम ठाकुर के समय अटल आदर्श विद्यालय योजना में था, लेकिन डे बोर्डिंग स्कूलों में स्पोट्र्स इन्फ्रास्ट्रक्चर होगा और इन्हें ऐसी जगह बनाया जाएगा, जहां पढऩे वाले बच्चों की संख्या 1000 से पार हो सके।