साफ-सुथरे हाथ-पैर किसे पसंद नहीं आते। खासतौर पर महिलाएं इन बात का खास ख्याल रखती हैं, कि उनके हाथ और पैर हमेशा अच्छे दिखें। मैनीक्योर और पैडिक्योर पार्लर्स यूं ही पॉपुलर नहीं हैं। हालांकि, अगर आप भी अक्सर मैनीक्योर या पैडिक्योर करवाती हैं, तो वक्त है सावधान हो जाने का! जी हां, इस प्रोसेस के दौरान एक छोटा-सा कट भी ह्यूमन पेपिलोमावायरस इन्फेक्शन (HPV) का कारण बन सकता है, जिससे कैंसर भी हो सकता है। अगर आपको यकीन नहीं आ रहा है, तो ग्रेस गार्सिया की दुर्भाग्यपूर्ण कहानी आपके भी बताते हैं।
अमेरिका की रहने वालीं, गार्सिया एक आम से मैनीक्योर सेशन के लिए नए नेल सलोन गई थीं। वहां की टेक्नीशियन ने उनके नाखून के क्यूटिकल्स को ज़रा सख्ती से निकाल दिया, जिसकी वजह से उस जगह पर घाव हो गया। यह घाव कभी अच्छी तरीके से ठीक ही नहीं हुआ, और कुछ समय बाद गार्सिया को पता चला कि वह मानव पेपिलोमावायरस संक्रमण के कारण त्वचा कैंसर, स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा, जो कैंसर का एक गैर-मेलेनोमा रूप है, से पीड़ित हो गई हैं।
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि नेल टेक्नीशियन ने मैनीक्योर का टूल किसी दूसरे व्यक्ति पर भी इस्तेमाल किया होगा, जिसकी वजह से HPV इन्फेक्शन हुआ। यह संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे में स्किन कॉन्टेक्ट के ज़रिए हो सकता है।
ह्यूमन पेपिलोमावायरस संक्रमण (HPV) क्या है?
मानव पेपिलोमावायरस असल में एक वायरल इन्फेक्शन है, जो त्वचा के संपर्क के माध्यम से हो सकता है। वैसे तो, 100 से ज़्यादा तरह के HPV होते हैं, ऐसा माना जाता है कि इनमें से 40 यौन संबंध के माध्यम से फैलते हैं, जिससे मुंह, जननांग, और गला प्रभावित हो सकता है। अगर कोई व्यक्ति HPV से पीड़ित है, तो भले ही कोई लक्षण या संकेत न हों, वह इस बीमारी को आगे फैला सकता है। इस बात का भी ख्याल रखें कि लक्षण किसी व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाने के सालों बाद भी दिख सकते हैं। अमेरिका के सीडीसी की मानें, तो एचपीवी लोगों में सबसे आम यौन संचारित संक्रमणों में से एक है।
HPV के लक्षण क्या हैं?
आमतौर पर एचपीवी से स्वसाथ्य से जुड़ी किसी तरह दिक्कत या फिर लक्षण नहीं दिखते हैं और संक्रमण कुछ सालों में अपने आप ही ठीक भी सकता है। हालांकि, एचपीवी के उच्च जोखिम वाले संक्रमण लंबे समय तक रह सकते हैं और लिंग व गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में कैंसर का कारण बन सकते हैं।
इस दौरान सिर्फ एक ही तरह का लक्षण दिखाई दे सकता है और वह मस्सों का होना, इसमें सामान्य मस्से, जननांग मस्सा, फ्लैट मस्सा और तल का मस्सा शामिल होता है। मस्से एक से दूसरे व्यक्ति में फैल सकते हैं।