हिमाचल प्रदेश में 1.36 लाख अधिकारियों व कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाली के लिए वित्तीय प्रबंधन पर काम शुरू हो गया है। डीजल से ओपीएस की लौ जलाने की तैयारी है। सुक्खू सरकार की ओर से डीजल पर तीन प्रतिशत मूल्य वर्धित कर (वैट) बढ़ाए जाने से वार्षिक 350 से 400 करोड़ रुपये अतिरिक्त राजस्व जुटाया जाएगा। साथ ही खनन चोरी रोककर वार्षिक राजस्व 210 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 400 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य है। अनावश्यक प्रशासनिक खर्च घटाकर 100 करोड़ रुपये बचत करने की भी तैयारी है।.
पुरानी पेंशन बहाली पर सालाना 800 करोड़ बोझ पड़ने की संभावना
हिमाचल में पुरानी पेंशन बहाली पर वार्षिक लगभग 800 करोड़ रुपये बोझ पड़ने की संभावना है। निगरानी नहीं होने से अवैध खनन से सरकार को चूना लगता है। हालत यह है कि सीमावर्ती जिलों सिरमौर, सोलन, बिलासपुर, ऊना और कांगड़ा में अवैध खनन हो रहा है। प्रदेश से निकलने वाली नदियों, खड्डों व नालों से खनिज बहकर पंजाब, हरियाणा व उत्तरप्रदेश में जाते हैं।
ऊना जिला में तो हालत यह है कि अन्य राज्यों के ट्रक रेत भरकर निकल जाते हैं। अब सरकार अवैध खनन से राज्य को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए प्रणाली तैयार करेगी। इस समय सरकार को विज्ञानिक विधियों से हो रहे खनन से करीब 200 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता है। समुचित प्रबंधन होने से सरकार को 200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिल पाएगा। डीजल पर वैट बढ़ाने से मासिक 33 करोड़ रुपये आएंगे। सरकार को पेट्रो पदार्थो पर लगाए जाने वाले वैट से वार्षिक 1400 से लेकर 1500 करोड़ रुपये तक का राजस्व आता है।
पीएम मोदी से मिलने इसी माह दिल्ली जाएंगे सीएम
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इसी माह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने दिल्ली जाएंगे। 19-20 जनवरी को सीएम सुक्खू का दिल्ली जाने का कार्यक्रम संभावित है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 18 जनवरी को हिमाचल से गुजरेगी। इसमें शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री अगले दिन दिल्ली के लिए रवाना हो सकते हैं। पिछली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने का कार्यक्रम तय हो गया था, लेकिन कोरोना संक्रमित होने के कारण मुख्यमंत्री सुक्खू को हिमाचल सदन में ही रहना पड़ा। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से उदिल्ली दौरे कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है।
सरकार फरवरी से देना चाहती है पेंशन
1.36 लाख एनपीएस कर्मचारियों को ओपीएस वादे के मुताबिक सरकार ने सेवारत 1.36 लाख राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) कर्मचारियों को ओपीएस के दायरे में लाने का निर्णय लिया है। इसके तहत वर्ष 2015 के बाद 12000 से अधिक एनपीएस कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। सरकार इन कर्मचारियों को फरवरी से पेंशन की राशि बैंक खाते में पहुंचाना चाहती है।
सेवानिवृत्त होने के बाद निराश नहीं होने देंगे – सुक्खू
किसी भी कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने के बाद चूल्हा एक या दो हजार रुपये की मासिक पेंशन से नहीं जल सकता है। इसलिए सरकार ने प्रत्येक कर्मचारी को ओपीएस देने का निर्णय लिया है, इसके लिए बजट जुटाने का कार्य शुरू किया है। हम किसी भी कर्मचारी को सेवानिवृत्त होने के बाद निराश नहीं होने देंगे।