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करने जा रहे Aadhaar Verification तो जान लें ये जरूरी नियम, नहीं होगी कोई मुश्किल

UIDAI समय-समय पर इसमें होने वाले जरूरी अपडेट की जानकारी देती है और हमें इसके लिए प्रेरित करती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि आधार कार्ड भारत के नागरिकों के जरूरी डॉक्युमेंट है, अगर आप भारत के निवासी है तो आपके पास आधार कार्ड होना अनिवार्य है। सरकार की UIDAI संस्थान इस बात का पूरा ख्याल रखती है कि हर किसी के पास आधार हो। आधार कार्ड में हो रहे बदलावों  को अपडेट करने के लिए संस्थान आपको ऑफलाइन और ऑनलाइन कई सुविधाएं देती है। इसी सिलसिले को जारी रखते हुए UIDAI ने ऑफलाइन वेरिफिकेशन करने वाली संस्थाओं के लिए कुछ गाइडलाइन पेश की है आइये इनके बारे में जानते हैं।

UIDAI ने OVSEs के लिए जारी की गाइडलाइन

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने ऑफलाइन वेरिफिकेशन करने वाली संस्थाओं (OVSEs) के लिए गाइडलाइन का एक सेट जारी किया है, जिसमें कई उपयोगी स्वच्छता मुद्दों और यूजर्स के स्तर पर बेहतर सुरक्षा तंत्र जैसे पहलुओं पर ध्यान दिया गया है।

ऑफलाइन वेरिफिकेशन बिना UIDAI की केंद्रीय पहचान डाटा रिपॉजिटरी से जुड़े वेरिफिकेशन और KYC प्रक्रियाओं को लोकली करने के लिए आधार का उपयोग करती है। बता दें कि आधार संख्या धारक का ऑफलाइन वेरिफिकेशन करने वाले संगठनों को OVSEs कहा जाता है।

ये हैं गाइडलाइन

  • आधार संख्या धारक की सहमति के बाद संस्थाओं को आधार का वेरिफिकेशन करने के लिए सूचित किया गया है।
  • इन संस्थाओं को निवासियों के प्रति विनम्र होना होगा और उन्हें ऑफलाइन वेरिफिकेशन करते समय अपने आधार की सुरक्षा और गोपनीयता के बारे में आश्वस्त करना होगा।
  • संस्थाओं को UIDAI या किसी अन्य कानूनी एजेंसी द्वारा भविष्य में किसी भी ऑडिट के लिए निवासियों से प्राप्त स्पष्ट सहमति का लॉग/रिकॉर्ड बनाए रखना होगा।
  • UIDAI ने OVSEs को पहचान के प्रमाण के रूप में आधार को भौतिक या इलेक्ट्रॉनिक रूप में स्वीकार करने के बजाय आधार के सभी चार रूपों (आधार पत्र, ई-आधार, एम-आधार और आधार पीवीसी कार्ड) पर मौजूद क्यूआर कोड के माध्यम से आधार को सत्यापित करना होगा।
  • संस्थाओं से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है कि किसी भी निवासी को आधार के ऑफलाइन वेरिफिकेशन से इनकार करने या असमर्थ होने पर कोई भी सेवा देने से इनकार नहीं किया जाएगा, बशर्ते निवासी अन्य व्यवहार्य विकल्पों के माध्यम से स्वयं की पहचान करने में सक्षम हो।
  • UIDAI ने OVSE को सूचित किया है कि वेरिफिकेशन संस्थाओं को आम तौर पर आधार के ऑफलाइन वेरिफिकेशन के बाद निवासी की आधार संख्या एकत्र, उपयोग या संग्रहीत नहीं करनी है।
  • वेरिफिकेशन के बाद, अगर OVSE को किसी भी कारण से आधार की एक प्रति संग्रहीत करना आवश्यक लगता है, तो OVSE को यह अवश्य सुनिश्चित करना होगा कि आधार संख्या छुपी हुई हो।

आधार वेरिफिकेशन

किसी भी आधार को mAadhaar ऐप, या आधार क्यूआर कोड स्कैनर का उपयोग करके आधार के सभी रूपों (आधार पत्र, ई-आधार, आधार पीवीसी कार्ड, और एम-आधार) पर उपलब्ध क्यूआर कोड का उपयोग करके सत्यापित किया जा सकता है। आधार दस्तावेजों ने हुए छेड़छाड़ का ऑफलाइन वेरिफिकेशन द्वारा पता लगाया जा सकता है, जो एक दंडनीय अपराध है । जो ऐसा करता है वह आधार अधिनियम की धारा 35 के तहत दंड के लिए उत्तरदायी है। अगरOVSE जानकारी के किसी भी दुरुपयोग को नोटिस करते हैं, तो उन्हें UIDAI और यूजर को 72 घंटों के भीतर समस्या के लिए सूचित करना होता है।

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