दिल्ली में सर्दी का सितम जारी है और सोमवार को न्यूनतम तापमान 3.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. दिल्ली स्थित एम्स में इलाज कराने के लिए आए लोगों को ठंड से खासा परेशानी हो रही है. अन्य राज्यों से इलाज के लिए आए मरीजों व उनके परिजनों को इतनी ठंड में भी अस्पताल व मेट्रो स्टेशन के बाहर सोना पड़ रहा है. दरअसल यहां पर्याप्त संख्या में रैनबसेरे नहीं हैं. जिसके कारण ये खुले आसमान में अस्पताल के बाहर सोने पर मजबूर हैं. बिहार से आए एक बच्चे ने बताया कि वह अपनी मां के साथ आया है. मां का इलाज एम्स में हो रहा है. बच्चे की मां ने बताया कि अंदर रैनबसेरे में कन्हीं सोने की जगह नहीं है. इसलिए हमें बाहर सोना पड़ रहा है.
एक अन्य महिला, जो उत्तराखंड से अपना इलाज करवाने आई हैं. उसने बताया कि हाल ही में दिल का ऑपरेशन हुआ है… अब पेट का इलाज हो रहा है. महिला के अनुसार वो आठ दिनों से यहां पर है… इतनी ठंड में कंबल तक नहीं मिल रहा है. बिहार से आए एक छोटे बच्चे ने बताया कि उसके पापा का इलाज चल रहा है और वो नौ महीने से यहां पर है. बच्चे ने कहा कि वे चादर डालकर रह रहे हैं.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार अब धीरे-धीरे दिल्ली में ठंड कम होने वाली है. ऐसे में इन लोगों को थोड़ी राहत आने वाले दिनों में मिलने वाली है. दिल्ली में मंगलवार को शीतलहर की स्थिति से उत्तर पश्चिमी भारत को प्रभावित करने वाले एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ के कारण थोड़ी राहत मिली है.