हवाई अड्डे के लिए द्रंग क्षेत्र में 2,800 बीघा जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। इससे पहले एजेंसी के आकलन के बाद जन सुनवाई होगी और फिर हवाई अड्डे के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
देश की नामी एजेंसी ने मंडी हवाई अड्डे के लिए सामाजिक प्रभाव आकलन शुरू कर दिया है। यह कार्य पूरा करने में करीब छह माह का समय लगेगा। इस हवाई अड्डे के लिए द्रंग क्षेत्र में 2,800 बीघा जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। इससे पहले एजेंसी के आकलन के बाद जन सुनवाई होगी और फिर हवाई अड्डे के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। हवाई अड्डे के निर्माण से प्रभावित होने वाले लोगों पर पड़ने वाले सामाजिक प्रभाव का आकलन करते समय एजेंसी यह भी देखेगी कि इस प्रोजेक्ट से क्षेत्र के कितने और किस स्तर के स्कूल प्रभावित होंगे।
इसके अलावा बिजली बोर्ड पर कितना असर पड़ेगा और क्षेत्र के लोगों को यहां से उजड़ने पर कितना नुकसान संबंधित विभाग पर पड़ने वाला है। नए क्षेत्र में प्रभावितों को बसाने में बिजली बोर्ड पर कितना अतिरिक्त वित्तीय असर पड़ेगा? एजेंसी पेयजल स्कीमों आदि का अध्ययन भी करेगी। इसके अतिरिक्त हवाई अड्डे के लिए अधिग्रहण की जाने वाले क्षेत्र में सिंचाई स्कीमों पर कितना विपरीत असर पड़ेगा, यह भी आकलन किया जा रहा है।
क्या कहते हैं अतिरिक्त निदेशक पर्यटन
राज्य के अतिरिक्त निदेशक पर्यटन रविंद्र शर्मा ने कहा कि मंडी हवाई अड्डे के निर्माण से पहने वाले प्रभावितों पर पड़ने वाले सामाजिक प्रभाव का आकलन शुरू कर दिया है। यह प्रभाव जानने के लिए एजेंसी की सेवाएं ली जा रही हैं। जो विभिन्न पहलुओं को लेकर आकलन करेगी। इसके बाद जन सुनवाई के बाद हवाई अड्डे के लिए जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।
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