Himachal Pradesh Assembly Election 2022, टिकट कटने के बाद चौपाल के पूर्व विधायक डा. सुभाष मंगलेट ने कांग्रेस से विद्रोह कर दिया है। मंगलवार को नामांकन करने के बाद प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ल पर टिकट बेचने का आरोप लगाया और नारेबाजी की। मंगलेट ने आरोप लगाया कि राजीव शुक्ल नेता नहीं हैं। वह कारपोरेट जगत के मैनेजर हैं। वह एक अच्छे बिजनेसमैन हो सकते हैं, लेकिन नेतागिरी और पार्टी चलाना उनके वश में नहीं है।शुक्ल हेलीकाप्टर से नीचे नहीं उतरते और फाइव स्टार होटलों में ठहरते हैं। वह पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस बार कांग्रेस ने जिसे उम्मीदवार बनाया है उसने 2017 के चुनाव में उनके खिलाफ काम किया
सुभाष मंगलेट पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के करीबियों में शामिल थे। वीरभद्र सरकार में वह कृषि विपणन बोर्ड के अध्यक्ष रहे। दो चुनाव से कांग्रेस चौपाल में हार रही है। इस बार पार्टी ने उनका टिकट काटकर राज्य महासचिव रजनीश किमटा को दिया है। मंगलेट ने राजीव शुक्ल को खुद आकर चुनाव लड़ने की चुनौती भी दे डाली। कहा कि उन्होंने कांग्रेस से टिकट के लिए आवेदन किया था। किसी भी बड़े नेता ने बात नहीं की। इससे साफ है वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव लड़ने के लिए हरी झंडी दी है। यदि प्रदेश का शीर्ष नेतृत्व चाहता तो उनसे बात करता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
चहेतों को टिकट देने के लिए करवाते हैं फर्जी सर्वे
डा. सुभाष मंगलेट ने कहा कि वह उत्तराखंड में चुनाव प्रभारी थे। जिन विधानसभा क्षेत्रों में ड्यूटी लगी थी वहां की सही स्थिति से हाईकमान को अवगत करवाया। वहां पर भी टिकट चहेतों को दिए। इस बार सर्वे के आधार पर टिकट बांटने की बात कही जा रही है, लेकिन जिसे पार्टी ने टिकट देना होता है वहां फर्जी सर्वे करवाया जाता है। उत्तराखंड में कांग्रेस ने जो गलती की, वहीं हिमाचल में दोहराई जा रही है।