हिमाचल प्रदेश कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह के एक इंटरव्यू ने सियासी माहौल गर्म कर दिया है। द प्रिंट को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अगर सीखे होते तो आज कांग्रेस की यह हालत नहीं होती। उन्होंने यह भी कहा कि आज जेनरेशन गैप है और प्रियंका गांधी व राहुल गांधी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को महत्व नहीं देते।
गौरतलब है कि द प्रिंट ने मंगलवार सुबह इस साक्षात्कार का टेक्स्ट वर्जन अपने पोर्टल पर प्रकाशित किया था। इस पर प्रतिभा सिंह ने ट्वीट करके आपत्ति जताई थी और कहा था कि उनकी बातों को पत्रकार ने तोड़-मरोड़कर पेश किया है। उन्होंने द प्रिंट से इस इंटरव्यू को हटाने और माफी मांगने की बात कही थी। मगर दोपहर बाद द प्रिंट ने एक वीडियो डाला है, जिसमें प्रतिभा वही बातें कहती दिख रही हैं, जो द प्रिंट के पोर्टल में छपी हैं।
इस इंटरव्यू के आखिरी हिस्से में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा के बारे में बोलते हुए प्रतिभा कहती हैं कि वरिष्ठ नेता थोड़ी अटेंशन चाहते हैं। आज एक जेनरेशन गैप है और जो कुछ वरिष्ठ नेता करते थे, अभी के नेता नहीं कर रहे। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी की तरह राहुल और प्रियंका नेताओं को टाइम या महत्व नहीं देते।
उन्होंने कहा, “आज की बच्चे, सॉरी टु से, चाहे राहुल जी हैं या प्रियंका जी हैं, टाइम नहीं देते या महत्व तो लोगों को निऱाशा होती है। इसलिए बहुत सारे लोग चले गए। देखिए, आजाद जी देश की इतने साल सेवा करने के बाद चले गए। उन्होंने कहा कि मेरी बात सुनी नहीं जाती, इतने महीने वेट करना पड़ा। आदमी रिस्पेक्ट ही तो चाहता है, भले उसका काम हो न हो। इज्जत, मान, टाइम दे दो, आदमी उसी में खुश हो जाता है। अभी की पीढ़ी में ये बातें नहीं हैं तो उन्हें (वरिष्ठ नेताओं को) लगता है कि अब छोड़ देना है। माना कि उन्होंने अपनी नाराजगी दिखाई तो आप उन्हें बुला लेते तो इस हद तक बात नहीं जाती।”
इसके बाद पत्रकार ने सवाल पूछा कि आपने इस संबंध में सोनिया गांधी जी से बात की कि आप समझाएं, तभी पार्टी बचेगी। इस पर प्रतिभा सिंह ने कहा, “वो बहुत बड़ी नेता हैं, लंबे समय तक हमारी अध्यक्ष रही हैं, मैं उन्हें इस तरह नहीं बता सकती। लेकिन मैंने महसूस किया अखबारों में पढ़कर, गुलाब नबी जी का इंटरव्यू देखा। उन्होंने भी कहा कि मुझे अफसोस हुआ। इतने पदों पर वह रहे। लेकिन क्यों उन्हें छोड़ने की नौबत आई? उनकी नाराजगी लंबे समय से थी। उन्हें बुला ही लेते तो समस्या सुलझ जाती। पर जब कोई है ही नहीं उस पोजिशन में कि कोई जिम्मेदारी ले सके।”
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा, “हम थोड़े ही न बोल सकते सोनिया जी को। और राहुल जी तो संसद में तीसरी बार हैं। उन्हें सीखना चाहिए। (मुस्कुराते हुए) मैं उन्हें सलाह नहीं दे रही लेकिन पार्टी के हित में बोल रही हूं। अगर ऐसा लगता है कि हमारी हरकतों से नाराज हो रहे हैं तो उन्हें समय दो, उनकी समस्याएं सुनो, कुछ सीखने की कोशिश करो तो शायद ये हालत न होती कांग्रेस की।”