हिमाचल प्रदेश की पहचान पर्यटन से है। देश-विदेश के लोग हिमाचल को पर्यटन स्थल के नाम से ही जानते हैं। प्रदेश में प्राकृतिक, धार्मिक, साहसिक गतिविधियोंं, सप्ताहांत (वीकेंड), ग्रामीण और जनजातीय जैसे छह मुख्य बिंदुओं पर काम किया जा रहा है। इस कारण ही हिमाचल का नाम देश-विदेश में चमका है। ‘ यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुधवार को धर्मशाला में पर्यटन मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में कही। मुख्यमंत्री ने कहा, हिमाचल में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। प्रदेश की जलविद्युत परियोजनाओं के जलाशयों में जलक्रीड़ा गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
प्रदेश में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे। इससे पहले जयराम ठाकुर ने सम्मेलन में भाग लेने आए पर्यटन मंत्रियों को हिमाचली परंपरा के अनुसार सम्मानित किया। सत्र के दौरान हिमाचल के पर्यटन परिदृश्य के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती ‘हेवनली हिमाचल ‘ नामक वृतचित्र भी प्रदर्शित किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल टनल रोहतांग ने लाहुल व पांगी घाटी के लिए पर्यटन के द्वार खोले हैं। सरकार ने मंडी जिले में एक वृहद धार्मिक पर्यटन परियोजना शिव धाम शुरू की है और इसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा। प्रदेश में हवाई सुविधा को बेहतर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस दिशा में जिला मंडी में एयरपोर्ट बनाने की प्रक्रिया प्रगति पर है। नई राहें, नई मंजिलें और होम स्टे योजनाओं ने राज्य के अनछुए पर्यटक स्थलों को प्रोत्साहन प्रदान करने मेें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इस अवसर पर केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी, केंद्रीय पतन परिवहन एवं जलमार्ग और पर्यटन राज्य मंत्री श्रीपद नाइक, भारत पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष संबित पात्रा, पर्यटन मंत्रालय के सचिव अरविंद सिंह, नीति आयोग के सदस्य विनोद कुमार पाल, महानिदेशक पर्यटन मंत्रालय एवं आइटीडीसी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक जी कमला वर्द्धन राव, पर्यटन मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव राकेश कुमार वर्मा, राज्य पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार व निदेशक अमित कश्यप मौजूद रहे।