महेंद्र धर्माणी, विक्रम शर्मा, राकेश चोपड़ा और गुलेरिया टिकट की रेस में
विनोद चड्ढा, कुठेड़ा बिलासपुर
घुमारवीं की जनता ने 2018 के चुनावों में राजेंद्र गर्ग को 11 हजार मतों से जीतकर विधायक के रूप में विधानसभा भेजा था । विधायक बनने के 2 वर्ष बाद बीजेपी ने राजेंद्र गर्ग को कैबिनेट मंत्री बनाया दिया था । लेकिन पिछले 4 वर्षो से कांग्रेस मंत्री राजेंद्र गर्ग को निरंतर भ्रष्टाचार के आरोपों से घेरती रही है उसमें चाहे सब्जी मंडी का मुद्दा हो , मंत्री द्वारा अपनी पत्नी को कैबिनेट में पदोन्नति देना हो या ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने की बात हो ।
इसके अलावा भाजपा का आम कार्यकर्ता भी मंत्री पर आरोप लगता रहा है कि मंत्री बनने के बाद राजेंद्र गर्ग कुछ चुनिंदा लोगो से ही घिरे रहे और उनके बोलने पर ही काम होता था । जिसकारण भाजपा के पुराने लोगो मे भी गर्ग के प्रति खाशी नराजगी है ।
ऐसे में अगर टिकट बदलने की नौबत आती है तो घुमारवीं से महेंद्र धर्माणी जो कि वर्तमान सरकार में मुख्यमंत्री के ओएसडी हैं और आरएसएस और एबीवीपी में काम कर चुके है । भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व अन्य कई पदों पर भी रह चुके हैं अभी हाल ही में इन्हें प्रदेश मीडिया का संयोजक भी बनाया गया है । पिछले विधानसभा चुनावों में भी राजेंद्र गर्ग और महेंद्र धर्मानी के बीच में ही टिकट को लेकर कड़ा मुकाबला हुआ था । इसके अलावा विक्रम शर्मा भी मुख्य दावेदार है जोकि धूमल सरकार में खादी बोर्ड में निदेशक के रूप में रह चुके हैं इसके अलावा विक्रम शर्मा भाजपा प्रदेश कार्यकारणी सदस्य व अन्य कई पदों पर रह चुके है ।
इस बार विक्रम शर्मा ने मन बनाया है कि अगर भाजपा टिकट देती है तो ठीक है नही तो आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लडूंगा । विक्रम शर्मा फील्ड में निरंतर लोगों के बीच में काम कर रहे हैं और निरंतर मंत्री राजेंद्र गर्ग पर भाजपा के पुराने लोगों की अनदेखी के आरोप लगाते रहे हैं वही राकेश चोपड़ा जिन्होंने 2012 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था और करीब 6600 वोट भी हासिल किए थे लेकिन 2017 में वे भाजपा में शामिल होकर राजेंद्र गर्ग के साथ काम में लग गए थे लेकिन राकेश चोपड़ा का मानना है कि राजेन्द्र गर्ग ने जो मुझसे वादे किए थे उनमें से न मंत्री न भाजपा ने कोई भी वादा पूरा नहीं किया ।
राकेश चोपड़ा भी हमेशा जनता की सेवा में लगे रहते है । इन्होंने के बार ग्रामीणों को आवारा पशुओं से निजात दिलाई है । इसके अलावा नवनीत गुलेरिया भी घुमारवीं विधानसभा में सक्रिय है और भाजपा से टिकट की दावेदारी पेश कर चुके हैं नवनीत गुलेरिया अपनी एनजीओ हिमालयन वेलफेयर फाउंडेशन के माध्यम से गांव गांव तक जा रहे हैं लेकिन भाजपा के पदाधिकारियो का कहना है कि मात्र कुछ महीने समान बांटने और खेले करने से टिकट नही मिलते । टिकट के लिये निस्वार्थ भाव से जनता की सेवा करने पड़ती है अभी भाजपा में कई सीनियर लोग है जो कई सालों से भाजपा का काम कर रहे है ।
उनका कहना है कि नवनीत गुलेरिया के पास आज तक भाजपा का कोई भी दायित्व नही रह है अभी इन्हें भाजपा के साथ मिलकर काम करना चाहिए न कि भाजपा के समांतर काम कर भाजपा को कमजोर करना चाहिए ।
उधर कांग्रेस भाजपा सरकार के इन 5 सालों को घुमारवीं के आज तक के सबसे भ्रष्ट सालों में गिन रही है ।