मंडी: सायर पर्व को हालांकि अभी पांच दिन शेष है, लेकिन बाजार में अखरोट पहुंच चुका है। ऐतिहासिक सेरी मंच पर नगर निगम की ओर से अखरोट बेचने वाले व्यापारियों के लिए स्थान उपलब्ध करवाया गया है। यहां पर अखरोट अढ़ाई-तीन सौ से लेकर पांच सौ रुपए प्रति सैकड़ा बिक रहे हैं।
सायर का पर्व इस बार 17 सितंबर को मनाया जा रहा है। इस दिन घर-घर में पकवान बनाकर अपने सगे संबंधियों में वितरित किए जाते हैं। सायर पर्व पशुधन व किसानों की खुशहाली का त्योहार है। सायर पूजा के समय वर्तमान मौसम के सभी अनाज व फसलों के पौधे, बेल व फल आदि को मिलाकर सायर बनाई जाती है। इसमें धान, मक्की, पेठा, गलगल, तिल व कोठा आदि शामिल होता है। इन सबके अलावा पूजा के लिए पांच से सात अखरोट भी रखे जाते हैं, वहीं पर बुजुर्गों का आशीर्वाद लेने के लिए भी अखरोट दूर्वा के साथ उनके हाथों में देकर उनके चरण स्पर्श किए जाते हैं।
इसके पश्चात बुजुर्ग दूर्वा की कुछ डालियां अपने कान से लगाकर अखरोट लौटा देते हैं। मंडियाली में इस परंपरा को द्रूवा देना कहा जाता है। यह बुजुर्गों का आशीर्वाद लेने की अनिवार्य परंपरा है। बाजार में सबसे अधिक महंगा कागजी अखरोट बिक रहा है। इसकी कीमत सात सौ रुपये प्रति सौ रुपये है। इसके बाद बादामी अखरोट तथा भुर्ज अखरोट का नाम है।