ऊना. विधानसभा चुनाओं के लिए कांग्रेस में टिकट के आवेदन के बाद अब विधानसभा क्षेत्रों में जिताऊ उम्मीदवार कौन है, इसके लिए मंथन शुरु हो गया है। टिकट के लिए कांग्रेस के मंथन में ऊना जिले की कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र से टिकट के लिए किसान नेता देसराज मोदगिल की दावेदारी मजबूत साबित हो रही है।
देशराज मोदगिल को कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह और विधानसभा में विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री जिताऊ उम्मीदवार के रुप में देखते हैं। गत दिनों देसराज मोदगिल में कुटलैहड़ में किसान-मजदूर सम्मेलन के समय अपनी जनाधार साबित किया था।
देसराज मोदगिल के द्वारा आयोजित किसान सम्मेलन में हजारों के संख्या में लोगों ने भाग लिया था। जिसमें प्रतिभा सिंह और मुकेश अग्निहोत्री शामिल हुए थे। सम्मेलन में उमड़ी भीड़ से साबित होता है कि देसराज मोदगिल क्षेत्र की जनता के बीच लोकप्रिय हैं। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की नीतियों से प्रभावित होकर कांग्रेस में शामिल हुए और वीरभद्र के आशीर्वाद से लगातार संगठन के लिए कार्य करते रहे।
ब्राम्हण वर्ग से आने वाले देसराज मोदगिल किसान-मजदूरों के नेता हैं। वह लंबे समय से किसान मजदूर शक्ति संगठन के बैनर तले किसानों और मजदूरों की मांगो को उठाते रहे हैं और हक के लिए लड़ाई लड़ते रहे हैं। बंगाणा विधानसभा क्षेत्र में किसान बहुत संख्या में है जिससे देसराज मोदगिल का किसानों के बीच बड़ा जनाधार है।
किसान परिवार में जन्में देसराज मोदगिल सरकारी सेवा में भी रहे और किसान आंदोलन से भी जुड़े रहे हैं। जिसके कारण क्षेत्र के हर गांव व पंचायत के लोगों की बीच उनकी अच्छी पकड़ है। देसराज मोदगिल भांखड़ा बांध विस्थापितों को हक दिलाने के लिए भी लंबे समय तक संघर्ष करते रहे हैं। देसराज मोदगिल ने अपना जनाधार पंचायती राज चुनावों में साबित भी किया है। वह 1995 में बीडीसी सदस्य का चुनावी जीते। वर्ष 2000 में जिला परिषद का चुनाव लड़े और 7500 रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की। देसराज के विरोध में खड़े सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी। 2003 में बहुजन समाज पार्टी की टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़े जिसमें सात हजार से अधिक वोट हासिल किए थे।
कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र में लंबे समय से भाजपा का कब्जा रहा है। कांग्रेस के नेता चुनावी मैदान में उतरते तो रहे हैं लेकिन भाजपा के विधायक वीरेंद्र कंवर का मुकाबला नहीं कर सके। अब देसराज मोदगिल के रुप में कांग्रेस के हाथ जिताऊ उम्मीदवार सामने आया है जो अपने मिलनसार स्वभाव के कारण भाजपा सरकार में मंत्री वीरेंद्र कंवर को चुनौती देने में सक्षम है। इससे पहले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी के रुप में विवेक शर्मा मैदान में रहे लेकिन वह जीत दर्ज नहीं करा सके। इस बार में विवेक शर्मा के साथ देविंदर भुट्टो भी टिकट के लिए दावेदार हैं। लेकिन टिकट के सभी दावेदारों के बीच देसराज मजबूत उम्मीदवार नजर आ रहे हैं।