*चुनाव आने से पहले ही ताश के पत्तों की तरह दिखने लगी कांग्रेस।* उक्त शब्द भाजपा के प्रदेश महामंत्री एवं वूल फेडरेशन के चेयरमैन त्रिलोक कपूर ने जारी की गई अपनी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहे। कपूर ने कहा कि हिमाचल में कांग्रेस की हालत यह हो गई है कि उसका कोई संगठन ही नहीं बचा है। यही कारण है कि हर कोई विधायक बनने का सपना देख अपने ही पार्टी की जड़ें खोदने में लगा है।
प्रदेश महामंत्री ने कहा कि हालांकि लोकतंत्र में सभी को चुनाव लड़ने का अधिकार होता है लेकिन कांग्रेस में अजीब तरह की होड़ मच गई है। बीते दिन ही बिलासपुर के पूर्व विधायक बंबर ठाकुर के खिलाफ बिलासपुर के कांग्रेस नेता ने ही मोर्चा खोल दिया। पूर्व विधायक तिलकराम और जिला बिलासपुर कांग्रेस प्रवक्ता संदीप संख्यान ने बंबर ठाकुर पर विधायक रहते भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और सीबीआई जांच की भी मांग की। यह हालत उस कांग्रेस की है जिसकी प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह कहती हैं कि भाजपा के खिलाफ चार्जशीट लाएंगे। लेकिन आलम यह है कि कांग्रेस नेता ही एक दूसरे के खिलाफ चार्जशीट लाने में व्यस्त हैं।
कपूर ने कहा कि चुनाव नजदीक आते ही कांग्रेस ने हिमाचल की जनता के सामने 10 गारंटीयां पेश की हैं और यह गारंटीयां हिमाचल कांग्रेस के किसी नेता ने नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की। यह दिखाता है कि कांग्रेस के पास हिमाचल में एक भी चेहरा ऐसा नहीं है जिस पर जनता भरोसा कर सके और जो खुद को नेता समझते हैं उनमें एक-दूसरे को पीछे धकेलने की होड़ मची है। इसीलिए उसे हिमाचल के चुनावों में घोषणाएं करवाने के लिए दूसरे राज्य के मुख्यमंत्री को बार-बार लाना पड़ रहा है वह भी भूपेश बघेल को जो अपने राज्य में नाकाम मुख्यमंत्री कहलाते हैं।
कपूर ने कांग्रेसी नेताओं की गुटबाजी पर चुटकी लेते हुए कहा कि कांग्रेस में अनुशासनहीनता की स्थिति यह है कि कोई प्रदेश अध्यक्ष तक की बात नहीं सुनता। प्रतिभा सिंह को बार-बार कहना पड़ रहा है कि कोई भी नेता खुद को प्रत्याशी घोषित न करे, लेकिन नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू और होली लॉज में मचे क्लेश का आनंद हिमाचल की जनता खूब उठा रही है। यही कारण है कि कांग्रेस के कई नेता और सिटिंग विधायक तक पार्टी छोड़ आज भारतीय जनता पार्टी में आ रहे हैं। यह दिखाता है कि देश के अन्य राज्यों की तरह अब हिमाचल भी कांग्रेस मुक्त होने जा रहा है।