शिमला: फार्मा इंडस्ट्री में चीन की दादागीरी अब खत्म होगी. हिमाचल प्रदेश को केंद्र से मंजूर हुए बल्क ड्रग पार्क से ये संभव होगा. ये पार्क ऊना जिले में स्थापित होगा. इस पार्क के जरिए एशिया के फार्मा (Bulk Drug Park in una Himachal Pradesh) हब बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ (बीबीएन) को भी सहारा मिलेगा. बल्क ड्रग पार्क और बीबीएन मिलकर फार्मा सेक्टर में चीन के दबदबे को खत्म करेंगे.
चुनावी साल में हिमाचल प्रदेश को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है. हिमाचल प्रदेश को केंद्र ने बल्क ड्रग पार्क की मंजूरी दे दी है. हिमाचल सरकार इसके लिए पिछले काफी समय से प्रयास कर रही थी. बल्क ड्रग पार्क से न केवल हिमाचल प्रदेश में निवेश आएगा, बल्कि युवाओं को रोजगार भी मिलेगा. इसी माह दिल्ली में बल्क ड्रग पार्क की स्टीयरिंग कमेटी की मीटिंग हुई थी.
उस समय ही ये संकेत मिल गए थे कि पार्क के लिए हिमाचल का पक्ष मजबूत है. अब अगस्त के अंतिम सप्ताह में केंद्र से ये पक्की सूचना मिल गई है कि हिमाचल का नाम बल्क ड्रग पार्क के लिए तय हो गया है. इसके अलावा गुजरात व आंध्र प्रदेश के लिए भी पार्क की मंजूरी मिली है.
बल्क ड्रग पार्क ऊना जिला के हरोली में (Bulk Drug Park in Himachal Pradesh) स्थापित होगा. हरोली कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री का निर्वाचन क्षेत्र है. इस पार्क में कम से कम 10 हजार करोड़ रुपए का निवेश होगा. बल्क ड्रग पार्क में विभिन्न रूप से 15 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार मिलेगा. यही नहीं, हिमाचल प्रदेश के सोलन जिला के बीबीएन फार्मा हब की जरूरतें भी पूरी होंगी. इससे पहले बद्दी में केंद्र की तरफ से मेडिकल डिवाइस पार्क की मंजूरी मिल चुकी है.
हिमाचल के बीबीएन को बल्क ड्रग के (Bulk Drug Park in Una) लिए चीन व अन्य देशों पर निर्भर रहना पड़ता था. सबसे अधिक निर्भरता चीन पर थी. इस तरह हिमाचल को बल्क ड्रग की सभी जरूरतें उपलब्ध हो जाएंगी और चीन पर निर्भरता न के बराबर होगी. इससे न केवल हिमाचल बल्कि देश को भी लाभ होगा. अनुमान है कि हिमाचल प्रदेश में सालाना तीस हजार करोड़ रुपए की बल्क ड्रग निर्यात होती थी. अब ये सारी रकम भी बचेगी और हिमाचल के जरिए भारत में बनी दवाएं लागत कम होने से सस्ती भी होंगी.
फिलहाल हिमाचल सरकार ने ऊना जिला के हरोली इलाके में बल्क ड्रग पार्क के 1400 हेक्टेयर के करीब भूमि चयनित की हुई है. पार्क के लिए केंद्र सरकार की तरफ से करीब एक हजार करोड़ रुपए की ग्रांट-इन-एड मिलेगी. इस पार्क के लिए केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर व सीएम जयराम ठाकुर ने प्रयास किए हैं. अब भाजपा सरकार चुनावी साल में इस उपलब्धि को भुनाएगी. उल्लेखनीय है कि इससे पहले हिमाचल को अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के कार्यकाल में इंडस्ट्रियल पैकेज मिला था.
वहीं, सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि ‘हर्ष का विषय है कि केंद्र सरकार ने हमारे हिमाचल के लिए बल्क ड्रग फार्मा को स्वीकृति दे दी है. इसमें लगभग 50 हजार करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट होगा और 20 हजार के करीब लोगों को रोजगार भी मिलेगा. समस्त प्रदेशवासियों की ओर से माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी एवं केंद्र सरकार का हार्दिक आभार’.