कांगड़ा। आखिर कांगड़ा सदर के फायर ब्रांड नेता पवन काजल की घर वापसी हो गई है। मौजूदा विधायक पवन काजल ने नई दिल्ली में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की मौजूदगी में भाजपा ज्वाइन कर ली है। इससे कांगड़ा जिला की सियासत में खलबली मच गई है। जानकार इसे कांग्रेस के लिए बड़ा झटका मान रहे हैं। कांग्रेस के पास जहां जिताऊ कैंडीडेट उतारने का चैलेंज बन गया है, तो भाजपा में टिकट की उम्मीद पाले नेताओं में मायूसी का आलम है। उनमें ज्यादातर ने अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी है। पवन काजल ही आने वाले समय में भाजपा से कैंडीडेट होंगे, यह तय लग रहा है। वहीं कांग्रेस की ओर नेताओं ने दल बदलने केा गलत करार दिया है।
दूसरी ओर लगातार दो बार कांगड़ा के विधायक रहे पवन काजल हैट्रिक लगाने को तैयार हैं। साल 2012 में उन्होंने आजाद कैंडीडेट के तौर पर चुनाव जीता था, जबकि साल 2017 में वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे। ओबीसी समुदाय से संबंध रखने वाले काजल की गिनती मौजूदा समय में सबसे ताकतवर नेताओं में होती है।
किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले पवन की अपनी फैन फालोइंग है। वह कभी संगठन के मोहताज रहे नहीं हैं। यही कारण है कि भाजपा ने मौके का चौका मारते हुए जिताऊ कैंडीडेट मानकर काजल की घर वापसी की है। अब आने वाले दिनों में देखना होगा कि काजल के मुकाबले कांग्रेस किसे मैदान में उतारती है।
जनता की खातिर भाजपा में घर वापसी की है। आज पूरा देश नरेंद्र मोदी की नीतियों का कायल है। हिमाचल में जयराम सरकार शानदार काम कर रही है
पवन काजल, भाजपा नेता
पार्टी का निर्णय सर्वोपरि है, पार्टी हाइकमान हमेशा सोच समझकर निर्णय लेता है
रमेश बराड़, चेयरमैन जिला परिषद
पार्टी के निर्णय के साथ चलना होता है। हाइकमान से बड़ा कोई नहीं होता
सतप्रकाश सोनी, मंडल अध्यक्ष, भाजपा