नई दिल्ली. केंद्र सरकार द्वारा वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दरों में बढ़ोतरी के बाद पिछले 10 दिनों में ज्यादातर खाद्य पदार्थों (Food Items) के दाम में 15 प्रतिशत से भी ज्यादा उछाल आ गया है. प्रीपैक्ड प्रोडक्ट पर 5 फीसदी जीएसटी लगाए जाने के बाद आटा, चावल, दलिया, मैदा, सूजी, दाल (अरहर) और राजमा सहित अन्य खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ गए हैं. आपको बता दें कि नॉन ब्रांडेड आटे की कीमत में भी 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है. अगर बात दही, छाछ की करें इसमें 7 प्रतिशत का उछाल आ गया है. दुकानदारों के द्वारा अब बढ़े दाम पर ग्राहकों को सामान बेचा जा रहा है. पहले 10 किलो के आटा का पैकेट जो 280 रूपये में मिला करता था, जीएसटी लगाए जाने के बाद अब इसकी कीमत 295 रूपये हो गई है. इसी तरह जो चावल पहले 60 रुपये प्रति किलो मिला करती थी, वह अब 65 रुपये प्रति किलो मिल रही है.
इसी तरह दाल की कीमतों में 5-7 रुपये की तेजी आई है. खाद्य पदार्थ में जीएसटी लगाने से घरेलू बजट बिगड़ गया है. लोगों का कहना है कि डीजल, पेट्रोल और एलपीजी गैस सिलेंडर पर पहले से ही महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है. अब 5 प्रतिशत जीएसटी बढ़ जाने से और परेशानी उठानी पडे़गी. आपको बता दें कि अमूमन सभी जगहों पर चावल, आटा, दाल, सूजी आदि के दाम बढ़ गए हैं. थोक दुकानों में कहीं-कहीं तो दुकानदारों द्वारा पहले से रखे गए खाद्य पदार्थों के पैकेट को 5 प्रतिशत जीएसटी जोड़कर ग्राहकों से वसूला जा रहा है.
15 फीसदी तक बढ़ गई खाद्य पदार्थों की कीमत
गाजियाबाद के वैशाली सेक्टर- 6 में रहने वाली पूजा कौशिक कहती हैं, ‘खरीदारी करने आई हूं, लेकिन मन नहीं कर रहा है कि आटा खुला वाला लूं या पैक्ड? दुकानदार तो पांच किलो लूज पैकिग चावल, आटा, मैदा, बैसन, सूजी पर भी 5 प्रतिशत जीएसटी मांग रहा है. केंद्र सरकार को चाहिए कि खाद्य पदार्थ के पांच किलो के लूज पैकिग पर जीएसटी नही लगाना चाहिए. इससे घरेलू बजट पर असर पड़ रहा है. जीएसटी लगाने से मध्यमवर्गीय परिवारों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ेगा. इधर, दुकानदार बता रहे हैं कि अगर आपको 10 किलो या 20 किलो का आटा का पैकेट लेना है तो जो दाम लिखा है वहीं लेंगे, लूज सामान लेंगे तो भी आपको अतिरिक्त पैसा देना ही होगा. वरना आप जा सकते हैं.’
बता दें कि 18 जुलाई से जीएसटी के दायरे में कई नई वस्तुओं को लाया गया है. 24 खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगते ही जनता पर महंगाई की मार पड़नी लगी है. पैकिंग में बिकने वाले आधा किलो, एक किलो के सामानों पर भी पांच प्रतिशत जीएसटी देना ही पड़ रहा है, नॉन ब्रांडेड खाद्य पदार्थों के दाम में 25 प्रतिशत तक बढ़ गया है. इस वजह से अब आटा, सभी प्रकार के चावल, दाल, सूजी, मैदा और दलिया समेत कई खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ गए हैं.