दो साल की राइडर में फंसे सरकारी विभागों के हजारों कर्मचारियों को प्रदेश सरकार ने बड़ी राहत दी है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने तीन अप्रैल की अपनी घोषणा के अनुसार राइडर की फाइल साइन कर दी है। इसके बाद यह फाइल अब वित्त विभाग में जाएगी और यदि फायनांस सेक्रेटरी चाहें, तो बिना कैबिनेट में जाए भी अधिसूचना जारी हो सकती है। प्रदेश के हजारों कर्मियों ने सरकार के इस कदम की सराहना की है। इस बारे मेें शिक्षा बोर्ड कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष बलवीर चंदेल ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपना वादा पूरा करके हजारों कर्मियों का दिल जीत लिया है। वहीं बोर्ड कर्मियों ने कहा कि यूनियन अध्यक्ष बलवरी चंदेल ने भी इस मांग को कई मंचों से उठाया था। कर्मचारियों ने इसके लिए शिक्षा बोर्ड कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष बलवीर चंदेल का भी आभार जताया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा बोर्ड के भी दर्जनों कर्मियों को इससे फायदा मिलेगा। उन्होंने इसके लिए अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष अश्वनी ठाकुर का भी आभार जताया है। उन्होंने कहा कि एनजीओ ने पुख्ता तरीके से अपनी मांग सरकार के समक्ष रखी थी। यही कारण है कि इस पर सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है।
गौरतलब है कि दो साल के राइडर में फंसे कर्मचारियों के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के सम्मेलन में ही तीन अप्रैल को घोषणा की थी, लेकिन उसके बाद इस बारे में अभी तक अधिसूचना जारी नहीं हो पाई है। इसमें सबसे बड़ी दिक्कत यह थी कि घोषणा तीन जनवरी, 2022 को पे-रिवीजन रूल्स नोटिफाई होने की तारीख तक रेगुलर हो चुके कर्मचारियों के लिए की गई थी या इस तारीख तक सरकारी विभागों में नियुक्त कर्मचारियों के लिए थी। इसी इंटरप्रिटेशन को स्पष्ट करने के लिए वित्त विभाग ने दोबारा से फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय भेजी थी और अब जाकर यह निकली है। महासंघ अध्यक्ष का दावा है कि अब तीन जनवरी, 2022 तक कार्यरत कर्मचारियों को राइडर की अवधि के बाद हर ग्रेड-पे का लाभ मिल पाएगा।