मृत्युंजय पुरी, कांगड़ा।
हिमाचल सरकार राज्य में ईको टूरिज्म को बड़े स्तर पर प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से नई नीति बनाने जा रही है। इससे पहले सभी हितधारकों को इन नियमों की जानकारी जा रही है। ऐसी ही एक बैठक धर्मशाला सर्किल के वन क्षेत्रों में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए वन विभाग द्वारा आयोजित की गई।
इसमें ट्रैकिंग रूट्स के लिए निर्धारित परमिट फीस की दरें प्रस्तावित की गई हैं। इसमें ट्रैकिंग पर जाने वाले हर एडवेंचर टूरिस्ट को 200 रुपए एंट्री फीस और 2 टूरिस्ट के लिए टेंट में रहने के लिए एक हजार रुपए फीस GST अतिरिक्त भुगतान करना प्रस्तावित किया गया है।
त्रिउंड ट्रैक पर एक दिन में 20 टेंट लगाने की मिलेगी इजाजत
त्रिउंड ट्रैक पर एक दिन में केवल 20 टेंट लगाने की अनुम होगी। अवैध तौर पर टेंट लगाने पर 5100 रुपए जुर्माना बसूला जाएगा। गल्लू से त्रिउंड ट्रैक पर एक दिन में 500 टूरिस्ट ही जा पाएंगे। इंद्रुनाग से करथानी और भागसूनाग त्रिउंड ट्रैक पर 400 टूरिस्ट प्रति दिन जा पाएंगे।
धर्मशाला एडवेंचर टूर एंड ऑपरेटर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट आकाश हरिया ने इको-टूरिज्म सोसाइटी द्वारा प्रस्तावित रेट्स को लेकर आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि निर्धारित रेट्स से टूरिज्म प्रभावित होगा। इको-टूरिज्म सोसाइटी फीस निर्धारित की जाए, लेकिन समान्य रेट्स पर। आज दिन तक प्रदेश सरकार ने धर्मशाला वन क्षेत्र में कोई भी नई ट्रैक साइट विकसित नहीं की है।
डीएफओ धर्मशाला दिनेश शर्मा ने बताया की त्रिउंड ट्रैक पर क्षमता से ज्यादा पर्यटक पहुंच रहा था , कुछ लोग शराब की बोलते लेजाकर ट्रैक पर कचरा फैला रहे थे , सभी गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया गया है की ट्रैक पर जा रहे पर्यटकों से 200 रुपए शुल्क लिया जाएगा , वही उन्होंने बताया की इसी ट्रैक से धर्मशाला व अन्य जगहों के लिए पेयजल व्यवस्था भी है अधिक टूरिस्ट पहुंचने से इसके भी दूषित होने का खतरा है ।