लोक निर्माण विभाग ने बीते 24 घंटे में प्रदेश भर में 63 नई सडक़ें बहाल कर ली हैं। इन सडक़ों पर करीब दस दिन बाद यातायात शुरू हो पाया है। विभाग को सबसे बड़ी कामयाबी शिमला जिला में मिली है। हालांकि कुछ जिलों में ताजा बारिश की वजह से दोबारा भू-स्खलन हुआ है और यहां पहले से ज्यादा सडक़ें ठप हो गई हैं। प्रदेश में अभी भी 633 सडक़ों पर आवाजाही बाधित है, जबकि नुकसान का आंकड़ा 1621 करोड़ रुपए पहुंच गया है। बीते 24 घंटे में शिमला जिला में 16 सडक़ें विभाग ने बहाल की हैं। यहां अभी तक 608 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। 202 करोड़ रुपए का नुकसान बीते दो दिन में हुआ है, जबकि अन्य जोन की बात करें तो मंडी में 32 सडक़ें बहाल हो गई हैं।
जबकि यहां अभी तक 491 करोड़ रुपए का नुकसान दर्ज हो चुका है। मंडी में अभी भी 164 सडक़ें ठप हैं। सबसे ज्यादा असर कुल्लू के ग्रामीण इलाकों में देखने को मिल रहा है। कांगड़ा में 14 सडक़ें बहाल कर ली गई हैं। अब यहां 51 सडक़ें ठप हैं। विभाग ने आगामी 24 घंटे में कांगड़ा जोन की 36 सडक़ें बहाल कर लेने का लक्ष्य तय किया है। हमीरपुर में 11 सडक़ें ठप हो गई हैं। यहां बंद होने वाली सडक़ों का आंकड़ा बीते 24 घंटे के दौरान बढ़ा है। हमीरपुर में बारिश का असर अब देखने को मिल रहा है। विभाग ने 48 घंटे में हमीरपुर की सभी सडक़ों को यातायात से जोडऩे की बात कही है। एनएच के पीडब्ल्यूडी विंग को अभी तक 116 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है।जबकि यहां अभी तक 491 करोड़ रुपए का नुकसान दर्ज हो चुका है। मंडी में अभी भी 164 सडक़ें ठप हैं। सबसे ज्यादा असर कुल्लू के ग्रामीण इलाकों में देखने को मिल रहा है। कांगड़ा में 14 सडक़ें बहाल कर ली गई हैं। अब यहां 51 सडक़ें ठप हैं। विभाग ने आगामी 24 घंटे में कांगड़ा जोन की 36 सडक़ें बहाल कर लेने का लक्ष्य तय किया है। हमीरपुर में 11 सडक़ें ठप हो गई हैं। यहां बंद होने वाली सडक़ों का आंकड़ा बीते 24 घंटे के दौरान बढ़ा है। हमीरपुर में बारिश का असर अब देखने को मिल रहा है। विभाग ने 48 घंटे में हमीरपुर की सभी सडक़ों को यातायात से जोडऩे की बात कही है। एनएच के पीडब्ल्यूडी विंग को अभी तक 116 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है।