फसल
गगल। हिमाचल में इन दिनों धान की फसल तैयार की जा रही है। प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती खुशहाल योजना के तहत लगातार किसानों को जोड़ रही है। इसी का परिणाम है कि ढगवार पंचायत के अग्रणी किसान सुरेश कु मार लोगों के रोल मॉडल बन गए हैं। सुरेश कुमार सेना में तैनात थे। साल 2008 में रिटायरमेंट के बाद वह अपने गांव में पारंपरिक खेती करने लगे। इसी बीच साल 2018 में उनका संपर्क आतमा परियोजना धर्मशाला के अधिकारियों से हुआ। इस पर उन्होंने प्राकृतिक खेती शुरू की। इसी का परिणाम है कि इन दिनों सुरेश अपने खेतों में सिर्फ जीवामृत और बीजामृत के बूते धान तैयार कर रहे हैं।
खास बात यह कि धान की मेंढ़ पर उन्होंने उड़द की दाल भी लगाई है। बाकी बची जमीन पर उन्होंने नकदी सब्जियां लगा रखी हैं। विभाग की तरफ से सुरेश को संसाधन भंडार भी सबसिडी पर मिला है। इसे वह किसानों को जीवामृत और बीजामृत बेच भी रहे हैं। शुक्रवार को आतमा परियोजना धर्मशाला के अधिकारियों ने उनके खेतों का दौरा किया। आतमा प्रोजेक्ट के अधिकारी चंदन ने कहा कि सुरेश के खेतों में अच्छी फसल है। धर्मशाला हलके में आतमा प्रोजेक्ट की योजनाओं का लाभ लेकर कई किसानों ने अपनी आय बढ़ाई है। सभी किसानों को इन योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए।