जलवाहक
मोनिका शर्मा, धर्मशाला
शिक्षा विभाग में लगे जलवाहक कम सेवादार रेगुलर न किए जाने से आहत हैं। थक-थक हार अब इन कर्मियों ने प्रदेश सरकार को सीधी चेतावनी दी थी कि अगर उन्हें नियमित नहीं किया जाता तो वे 20 जुलाई से धरने पर बैठ जाएंगे, जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग की होगी। इसी के तहत वीरवार को जलवाहक शिक्षा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर आफिस के सामने धरने पर बैठ गए । इनका कहना है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता, वे धरने पर बैठे रहेंगे।
इनका कहना है कि छुट्टियों के पैसे भी इन्हें नहीं दिए जाते, जिसके चलते इनको परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो गया है। इसलिए इनकी यही मांग है कि इनको पक्का किया जाए।
जलवाहक कम सेवादार कर्मचारी संघ नूरपुर इकाई के अध्यक्ष मदन लाल, सचिव अशोक कुमार, संजीव कुमार और आलमदीन ने बताया कि वे सरकार से मांग कर रहे कि वे 11 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं और ब उन्हें रेगुलर किया जाए, लेकिन सरकार उन्हें सिर्फ आश्वासन ही दे रही है। उन्होंने बताया कि सरकार ने पालिसी बनाई है कि 11 साल पूरा करने के बाद हमें रेगुलर कर दिया जाएगा।
शिक्षा विभाग में मौजूदा समय में जिलाभर में 150 के करीब ऐसे कर्मचारी हैं, जो मार्च महीने तक 11 साल की अवधि पूरी कर चुके हैं, लेकिन सरकार की ओर से उन्हें पक्का करने की कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं की गई, जिससे वह अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
इस सबंध में उन्होंने शनिवार को डीसी कांगड़ा, डिप्टी डायरेक्ट शिक्षा विभाग और एसपी कांगड़ा को एक ज्ञापन भी सौंपा है। ज्ञापन में उन्होंने मांग की है कि प्रदेश सरकार उन्हें 19 जुलाई से पहले रेगुलर करने की नोटिफिकेशन जारी करें अन्यथा वह 20 जुलाई से धर्मशाला में डिप्टी डायरेक्टर के कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ जाएंगे। उन्होंने उम्मीद जताई है कि प्रदेश सरकार उनकी मांग पर गौर करेगी और जल्द ही उन्हें नियमित करने की अधिसूचना जारी कर राहत प्रदान करेगी।
सीएम पर वादा खिलाफी का जड़ा आरोप
जलवाहक कम सेवादार कर्मचारी संघ नूरपुर इकाई के अध्यक्ष मदन लाल, सचिव अशोक कुमार, संजीव कुमार और आलमदीन ने बताया कि वे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और शिक्षा मंत्री से भी तीन-चार बार मिल चुके हैं। सीएम ने उन्हें आश्वासन दिया था कि हफ्तेभर में नोटिफिकेशन जारी कर दी जाएगी, लेकिन आज तक कोई अधिसूचना जारी नहंीं हो पाई।