पलायन
किन्नौर जिला के रुशकलंग गांव में बीते पांच दिनों से रिहायशी मकानों को बाढ़ का खतरा बना हुआ है। कई घरों में तो नदी का पानी घुसने लगा है। डर के सांय में जी रहे कई परिवारों ने अपने घरों को खाली कर रिश्तेदारों के यहां शरण ले रखी है। बता दें कि चार दिन बीत गए लेकिन नदी का जलस्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में लोग सहमे हुए है। बताते चलें कि दोपहर बाद से नदी का जलस्तर बढ़ जाता है तब नदी का वहाब अधिक होने से नदी अपना का रुख ग्रामीणों के रिहायशी मकानों की ओर हो रहा है।
नतीजन भूमि कटाव होने से कई मकानों के नदी में समा जाने का खतरा बना हुआ है। शनिवार को राजस्व, बागबानी और जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी के निर्देश के बाद बाढ़ के रुख को बदलने के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा दो जेसीबी मशीनों को तैनात कर युद्ध स्तर पर कार्य शुरू किया गया ताकि बाढ़ को नियंत्रण कर गांव को सुरक्षित किया जा सके। शनिवार दोपहर दोबारा नदी का जलस्तर बढऩे की वजह से कार्य को रोकना पड़ा। इस मौके पर एडीएम पूह, अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग कल्पा, सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग पूह सहित पूर्व अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश नेगी भी घटना स्थल पर मौजूद रहे।