सीएम सुखू
दुख की घड़ी में जो काम आए वहीं सच्चा जनसेवक है और इसी बात को हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिहं सुक्खू ने साबित भी कर दिखाया है। हिमाचल के कुल्लू में ेआई भयंकर जलप्रलय ने सबको हिला कर रख दिया।
ताश के पत्तों की तरह ढहते आशियाने और तिनकों की तरह बहती गाडिय़ोंं को देखकर रोंगटे खड़ा कर देने वाला यह मंजर किसी डरावने सपने से कम नहीं था। इस दुख की घड़ी में लोगों को हौसले देने हिमाचल के मुख्यमंत्री खुद मोर्च पर डट गए। सुखविंदर सिहं सुक्खू खुद लोगों के बीच पहुचे और बचाव कार्यों को और रफ्तार देने का प्रयास किया।
इस भीषण त्रासदी से ग्रस्त लोगों का मन और बड़ा हुआ, जब मुख्यमंत्री उनके बीच पहुंचे और उनका कुशल क्षेम पूूछा। अक्सर देखा जाता है कि जब किसी परिवार पर कोई मुसीबत आती है तो पूरा परिवार एक-दूसरे की ताकत बनकर उस मुसीबत से पार पा लेता है। उसी तरह हिमाचल प्रदेश का मुखिया होने के नाते सीएम सुक्खू भी जनता को अपना परिवार मानकर मुसीबत में उनकी ताकत बनने पहुंच गए।
हालांकि जो जानी नुक्सान हो गया उसे तो लौटाया नहीं जा सकता, लेकिन सीएम सुक्खू ने जनता के बीच पहुंच कर जो लोगों का दर्द बांटा है,उससे लोगों को कुछ ने कुछ सुकून जरूर मिला है। सीएम सुक्खू ने मानवता का जो परिचय दिया है, वह सच में काबिले तारीफ है। उम्मीद करेंगे कि राहत कार्यों में तेजी आए और लोगो को सरकार की ओर से भी जल्द ही आर्थिक राहत मिल सकें।