स्वीडन सेक्स को खेल के रूप में रजिस्टर करने वाले पहला देश बन गया है. वहीं ये देश इसके लिए एक चैंपियनशिप भी शुरू करने जा रहा है. पार्टिसिपेंट्स की बात करें तो अब तक इस चैंपियनशिप के लिए विभिन्न देशों के 20 लोगों ने आवेदन किया है.
देश और दुनिया से अक्सर अजीब खबरें सामने आती हैं पर जो खबर स्वीडन से सामने आ रही है वह वाकई में हैरान कर देने वाली है. दरअसल, जहां कई देशों में सेक्स के बारे में खुलकर बात करने की भी इजाजत नहीं होती वहीं स्वीडन सेक्स को खेल के रूप में रजिस्टर करने वाले पहला देश बन गया है.ऐसे में अब स्वीडिश सेक्स फेडरेशन, 8 जून से पहली यूरोपियन सेक्स चैंपियनशिप की मेजबानी करने जा रहा है.
स्वीडिश सेक्स फेडरेशन की ये चैंपियनशिप कई हफ्तों तक चलेगी और इसमें प्रतिभागियों को हर दिन 6 घंटे के लिए कंपीट करना होगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक पार्टिसिपेंट्स के पास अपने मैचों या एक्टिविटी में शामिल होने के लिए 45 मिनट से एक घंटे का समय होगा.
कैसे चुना जाएगा विजेता?
पार्टिसिपेंट्स की बात करें तो अब तक इस चैंपियनशिप के लिए विभिन्न देशों के 20 लोगों ने आवेदन किया है. वहीं तीन जूरी और दर्शकों की रेटिंग के जरिए ही विजेता को चुना जाएगा. प्रत्येक विषय में, प्रतिभागी 5 से 10 अंक के बीच स्कोर कर सकते हैं. प्रतियोगी 16 विषयों में कंपीट करेंगे. इसमें सिडक्शन से लेकर बॉडी मसाज तक कई चीजें शामिल हैं.
‘सेक्शुअल ओरिएंटेशन का स्ट्रेटेजिक रोल’
ये यूरोपीय सेक्स चैम्पियनशिप डायवर्सिटी को महत्व देती है और किसी भी जेंडर को इस चौंपियनशिप में हिस्सा लेने का अधिकार देती है. आयोजकों ने जोर देकर कहा है कि सेक्शुअल ओरिएंटेशन (यौन आकर्षण) इस खेल में एक स्ट्रेटेजिक रोल निभा सकता है. उनका मानना है कि भविष्य में अन्य यूरोपीय देशों द्वारा इसे अपनाया जाएगा.
प्रतियोगिता के आयोजक ने कहा, “खेल स्ट्रेटजी के हिस्से के रूप में सेक्शुअल ओरिएंटेशन यूरोपीय देशों के बीच एक महत्वपूर्ण विकास होगा. ” स्वीडिश फेडरेशन ऑफ सेक्स के अध्यक्ष ड्रैगन ब्रैटिक ने कहा कि एक खेल के रूप में सेक्स की मान्यता बहुत जरूरी थी. उन्होंने सेक्शुअल एक्टिविटी के माध्यम से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार की संभावना पर प्रकाश डाला. ” ब्राटिक ने मीडिया को समझाया- किसी भी अन्य खेल की तरह, सेक्स में जीतने के लिए ट्रेनिंग की आवश्यकता होती है. इसलिए, लोगों के लिए इस डोमेन में भी कंपटीशन होना लॉजिकल है.”