आयल पेंट से कैनवास
आयल पेंट से कैनवास पर सुंदर चित्र उकेरने वाले चंबा के चित्रकार दिनेश अत्री के चित्र अमेरिका, इंग्लैंड, बेल्जियम, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, चीन, इजराइल और तुर्किये के संग्रहालयों की शोभा बढ़ा रहे हैं। इतना ही नहीं, विदेशी सरजमीं से चित्रों को बनाने की समय-समय पर डिमांड भी पहुंच रही है। चित्रकार के मुताबिक राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली की निजी क्लेक्शन में भी उनका चित्र शामिल किया गया है। तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के कार्यकाल के दौरान उनके चित्र को राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली की निजी कलेक्शन में शामिल किया गया है जो चित्रकार सहित उसके परिजनों समेत पूरे चंबा जिले के लिए गैरव की बात है। इतना ही नहीं देश भर की विभिन्न कलादीर्घाओं में भी उनके चित्रों की प्रदर्शनियां लगी रहती हैं।
सामान्य वर्ग से ताल्लुक रखने वाले अत्री चंबा के जनजातीय क्षेत्र भरमौर के तहत आती कूंर गांव के रहने वाले हैं। कैनवास पर आयल पेंट, पेंसिल स्केचिंग, लाइव पोट्रेट बनाने में उन्हें महारत हासिल है। बकौल दिनेश अत्री उनके परिवार में उनके पिता रांझाराम एक कृषक हैं। माता कर्मो देवी एक कुशल गृहिणी हैं। इनके अलावा उनके दो भाइयों में बड़े भाई रमेश अत्री वर्तमान में सिप्पी कल्याण सभा के अध्यक्ष हैं। वहीं, उनके छोटे भाई नरेश अत्री हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा हाई स्कूल कूंर से हुई और जमा एक की पढ़ाई रावमापा छतराड़ी से की। उसके बाद चुवाड़ी में दो वर्षो तक ड्राइंग अध्यापक का डिप्लोमा किया। उन्होंने जमा दो की पढ़ाई रायपुर से की। इसके बाद चित्रों में महारत हासिल करने की विधि सीखने के लिए चंडीगढ़ चले गए।
चंडीगढ़ में कुछ साल पेंटिंग सीखने के बाद वह शिमला आ गए। शिमला आकर फिर से राजीव गांधी डिग्री कॉलेज चौड़ा मैदान में दाखिला लेकर पेंटिंग में ग्रेजुएशन की और उसके बाद पेंटिंग में मास्टर डिग्री हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से की। वर्तमान में अत्री हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पेंटिंग में ही पीएचडी कर रहे हैं। बताया कि वर्तमान में शिमला रिज के साथ ही चौड़ा मैदान में उनका स्टूडियो है। कहा कि कला एक साधना है और चित्रकला एक गहरा समंदर। इसमें आप जितना अंदर तक जाते जाएंगे, यह उतना गहरा होता जाएगा।