नेशनल ग्रीन टिब्यूनल
नेशनल ग्रीन टिब्यूनल ने हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थल कुफरी में पर्यावरण नियमों के उल्लंघन पर कड़ा संज्ञान लिया है। एनजीटी ने प्रदेश के मुख्य सचिव सहित प्रधान सचिव पर्यटन और पर्यावरण से रिपोर्ट तलब की है। ट्रिब्यूनल ने मामले की सुनवाई 12 जुलाई को निर्धारित की है। दिल्ली के अधिवक्ता ने एनजीटी को कुफरी में सफाई व्यवस्था न होने के बारे में पत्र के माध्यम से अवगत करवाया है। पत्र पर संज्ञान लेते हुए एनजीटी ने संयुक्त कमेटी का गठन कर रिपोर्ट तलब की थी।
कमेटी ने रिपोर्ट के माध्यम से अदालत को बताया कि कुफरी में पर्यावरण नियमों का उल्लंघन पाया गया। प्राकृतिक और वनस्पति क्षरण से पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। छोटे से क्षेत्र में क्षमता से अधिक एक हजार से ज्यादा घोड़े पंजीकृत किए गए हैं। इसके अलावा ठोस कचरा प्रबंधन न होने से क्षेत्र में प्रदूषण फैलाया जा रहा है। बता दें कि शिमला के साथ लगते प्रसिद्ध पर्यटक स्थल कुफरी में घोड़ों की लीद ने ग्रामीणों की सेहत खतरे में डाल दी है। सफाई व्यवस्था न होने के कारण लोगों में फेफड़े का संक्रमण पैदा होता रहता है। पेट की बीमारियों से भी लोग पीड़ित हैं।
घोड़ों की लीद से अमोनिया ऑक्साइड गैस निकलती है। क्षेत्र के पेयजल स्रोतों तक लीद घुलकर पानी को दूषित करती है। कुफरी की खस्ताहाल पर हाईकोर्ट ने भी दिए थे आदेश इससे पहले प्रदेश हाईकोर्ट ने कुफरी की खस्ताहाल पर संज्ञान लिया था। अदालत ने सरकार को रोटरी क्लब शिमला की प्रोजेक्ट रिपोर्ट को लागू करने के आदेश दिए थे। रोटरी क्लब ने कुफरी को जम्मू और कश्मीर के प्रमुख पर्यटन स्थल पहलगाम, गुलमर्ग, सोनमर्ग, अहरबल और पतनीटॉप की तर्ज पर विकसित करने के बारे मेें विस्तृत रिपोर्ट तैयार की थी। अदालत ने सरकार को आदेश दिए थे कि राज्य के दूसरे पर्यटन स्थलों को भी विकसित करने के बारे में उचित कदम उठाए जाएं।