प्रदेश में पहली बार
हिमाचल में पहली बार पैरामोटर (पावर ग्लाइडिंग) शुरू होने जा रही है। इसके लिए कवायद भी शुरू हो गई है। कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के अंदरौली में यह सुविधा मिलेगी। पैरामोटर से पर्यटक गोबिंद सागर झील के नजारे ले पाएंगे। खास है कि अंदरौली स्थित गोबिंद सागर झील में वाटर स्पोर्ट्स के साथ एक और नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। जो पर्यटकों को आकर्षित करेगा। पैरामोटर के जरिये मैदानी क्षेत्रों में आराम से ग्लाइडिंग का लुत्फ उठाया जा सकेगा। बीते वर्ष अंदरौली में इस साहसिक खेल के लिए सफल उड़ान भी हो चुकी है।
पैरामोटर सुविधा को चलाने के लिए अंदरौली में पहले से ही वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियां चला रहे ऑपरेटर ने इच्छा जाहिर की है। वह अब इसके लिए आवेदन करने जा रहे हैं। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान की तकनीकी जांच कमेटी ट्रायल लेगी। टीम की हरी झंडी के बाद यहां पैरामोटर उड़ना शुरू हो जाएंगे। उड़ान भरने के लिए ढलानधार पहाड़ी की जरूरत पैरामोटर में नहीं रहती है। यह हिमाचल के मैदानी क्षेत्रों के लिए पर्यटन के लिहाज से बड़ी सौगात हो सकती है। पैरामोटर मैदानी क्षेत्रों में ही इस्तेमाल किया जाता है।
पैरामोटर में एक यात्री को साथ ले जाया जा सकता है। यह है पैरामोटर पैरामोटर में एक मोटर पीठ पर पहननी होती है। इसके जरिये उड़ान भरने में सहायता मिलती है। इस मोटर को उड़ान के दौरान भी इस्तेमाल किया जा सकता है। मोटर में एक घंटे में चार से पांच लीटर तेल की खपत होती है। इसके जरिये 25 से 30 किलोमीटर तक दूरी तय की जा सकती है। पंजाब से सटा है अंदरौली अंदरौली स्थित गोबिंद सागर झील पंजाब से सटी हुई है। नंगल से मात्र 30 मिनट में यहां पहुंचा जा सकता है। ऐसे में यहां साहसिक गतिविधियां शुरू होने से पर्यटन को भी पंख लगेंगे। पैरामोटर फिलहाल व्यवसायिक तौर पर हिमाचल में उपलब्ध नहीं है। अंदरौली में पैरामोटर चलाने के लिए एक ऑपरेटर ने इच्छा जाहिर की है। आवेदन के बाद नियमानुसार ट्रायल के बाद यह सुविधा शुरू होगी। -रवि धीमान, सहायक पर्यटन अधिकारी, ऊना