ग्रामीण और गरीब लोगों
देश और दुनिया में बढ़ रहे मानसिक रोग चुनौती बने हुए हैं। आईआईटी मंडी इसका सामना करने में अहम भूमिका निभाएगा। ग्रामीण और गरीब लोगों को सस्ता और बेहतर इलाज दिलाने के लिए संस्थान का आईकेएस (भारतीय ज्ञान प्रणाली) सेंटर एक वेलनेस सेंटर चलाने की तैयारी में है। इसमें मानसिक रोगों का महंगा खर्च बहन न कर पाने वाले लोगों को बेहतर सुविधा प्रदान की जाएगी। शुरुआती तौर पर वेलनेस केंद्र में 50 बैड लगाए जाएंगे, जिन्हें बाद में बढ़ाया जा सकेगा। वेलनेस सेंटर का समर्थन करने के लिए संस्थान उद्योगों, सीएसआर और परोपकारी लोगों से योगदान की तलाश कर रहा है।
इस केंद्र के लिए जैसे ही राशि मिलेगी इसका निर्माण शुरू करने की योजना है। उधर, इसके लिए विस्तृत योजनाएं आइकेएस सेंटर में पहले से ही तैयार हैं। आईआईटी मंडी के निदेशक, प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा ने कहा कि मंडी में आइकेएस केंद्र के पीछे प्रमुख शक्ति है। ऐसे में मानसिक स्वास्थ्य के लिए आईकेएस का योगदान प्रदान करना है, विशेष रूप से मन, शरीर और चेतना अध्ययन के क्षेत्रों में यह बहुत कारगर भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि यह योगदान आज की दुनिया में विशेष रूप से प्रासंगिक और महत्वपूर्ण है, जहां दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। आईकेएस सेंटर में 15 से अधिक छात्र कर रहे हैं मास्टर और पीएचडी आईआईटी मंडी के आईकेएस सेंटर में अभी 15 से अधिक छात्र-छात्राएं मास्टर और पीएचडी कर रहे हैं। साथ ही केंद्र ने आईकेएस क्षेत्रों में 10 से अधिक पाठ्यक्रमों को सफलतापूर्वक निष्पादित किया है। युवा और छात्र पहले से ही सामाजिक भलाई के लिए विविध आईकेएस विषयों में मास्टर और पीएचडी की डिग्री हासिल कर रहे हैं। वेलनेस सेंटर स्थापित हो जाने के बाद यहां ग्रामीण और गरीब लोगों को सस्ता मानसिक स्वास्थ्य देखभाल की सुविधा मिल सकेगी।