मंडियों में मटर
कुल्लू जिले की मंडियों में मटर के दाम में भारी गिरावट आई है। बारिश की वजह से कुल्लू में मटर की 50 प्रतिशत फसल खराब बरबाद हो चुकी है। अत्यधिक बारिश के चलते फलियों पर काला दाग पड़ गया है, जिससे व्यापारी मटर को सस्ते दामों में ही खरीद रहे हैं। सेब, प्लम पर ओलों की मार के बाद अब मटर के दामों में गिरावट से किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है। जबकि शुरुआती दौर में मटर के अच्छे दाम मिले थे।
शुरुआत में मटर 50 से 60 रुपये प्रति किलो बिका था लेकिन अब किसानों को मुनासिब दाम नहीं मिल रहे है। शनिवार को ए ग्रेड का मटर 20 से 30 रुपये जबकि बी ग्रेड मटर 5 रुपये प्रतिकिलो तक बिका। उचित दाम न मिलने से किसानों में मायूसी छा गई है। खर्च भी नहीं हो रहा पूरा किसान अमित कुमार, देवेंद्र, अनूप, संजय, रितेश और जयचंद ने कहा कि मटर के दाम गिरने से किसानों को खेती पर किया हुआ खर्च भी पूरा नहीं हो रहा है। मटर को मंडी तक पहुंचाने का किराया और मजदूरी भी किसान को अपनी जेब से देनी पड़ रही है। कुछ क्षेत्रों में तो काले दाग वाले मटर को किसान मवेशियों को चारे के तौर पर खिला रहे हैं।
किसानों का कहना है कि खाद, बीज, मजदूरी दो गुना बढ़ चुकी है। ऐसे में मटर के कम दाम मिलने से किसानों को घाटा ही उठाना पड़ रहा है। मौसम की भी मार पड़ी है। मटर के अधिकतम दाम 30 रुपये प्रतिकिलो तक रहे मंडी में मटर के दाम 30 रुपये प्रतिकिलो अधिकतम रहे, जबकि काले दाग वाला मटर 5 से 10 रुपये तक बिका है। मटर की अधिक खेप आने से भी दामों पर असर हुआ है। मौसम की मार से भी किसानों को नुकसान झेलना पड़ रहा है। आने वाले दिनों में दामों में उछाल आने की उम्मीद है। – नूतन ठाकुर, आढ़ती, बंदरोल सब्जी मंडी