नैनो यूरिया की करामात
कांगड़ा। इफको कांगड़ा द्वारा काँगड़ा में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में सूबे की नगरोटा बगवां, काँगड़ा, रैत एवं धर्मशाला क्षेत्र की कृषि सहकारी सभाओं के प्रतिनिधियों एवं क्षेत्र के प्रगतिशील किसानो के लिए नैनो उर्वरकों के उपयोग के लिए प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया।
इसमे 50 प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से इफको के राज्य विपणन प्रबंधक पठानिया एवं इफको के क्षेत्र अधिकारी श्रेय सूद सहित परविंदर सिंह मौजूद रहे। साथ ही कृषि विभाग काँगड़ा खंड के विषय वाद विशेषज्ञ डॉ राम एवं हिमफैड एवं इफको के डेलिगेट करन ओबेरॉय उपस्थित रहे। कार्यक्रम में प्रतिभागियों को मुख्य रूप से इफको द्वारा विश्व प्रथम निर्मित तरल नैनो यूरिया एवं हाल ही में भारत सरकार द्वारा स्वीकृत नैनो डीएपी पर विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की गयी।
नैनो यूरिया आधुनिक तकनीक द्वारा निर्मित एक तरल उत्पाद है और आम यूरिया खाद का एक पर्यावरण हितैषी विकल्प है। शिविर में आये सहकारी सभाओं से आये प्रतिनिधियों ने नैनो यूरिया के इस्तेमाल के अनुभव भी सभी से साझा किये एवं अन्य सहकारी सभाओं को भी इसके इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया। कृषि विभाग से आये अधिकारियों ने भी इफको के इस कदम को सराहा और सभाओं को लीक से परे हट कर विविधीकरण अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
अपने उद्बोधन में राज्य विपणन प्रबंधक भुवनेश पठानिया द्वारा किसानो को सम्बोधित करते हुए उन्हें कृषि में नवीनतम तकनीकों पर आधारित उत्पादों जैसे : नैनो यूरिया तरल एवं विभिन जल विलय उर्वरकों के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की एवं भविष्य में नैनो उत्पादों मदद से बहुमूल्य मुद्रा की अनुदान के रूप में बचत के बारे में प्रतिभागियों को अवगत करवाया।
एवं इस शिविर में क्षेत्र अधिकारी इफको काँगड़ा श्रेय सूद द्वारा को इफको के विभिन जल घुलन-शील उर्वरक, सागरिका के सन्दर्भ में जानकारी प्रदान की एवं इफको की सदस्यता लेने बावत भी अन्य सहकारी समितियों को भी जानकारी देते हुए उन्हें नवीनतम उत्पादों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।