कोरोना वायरस
कोरोना वायरस की वैक्सीन के आठ माह के भीतर चार सैंपल हो चुके हैं फेल
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कोरोना वायरस की वैक्सीन के आठ माह के भीतर चार सैंपल फेल हो चुके हैं। एक सैंपल वर्ष 2021 में फेल हो चुका है। इनमें कुछ कोरोना वायरस के सैंपल निरीक्षण के दौरान भरे गए थे। 10 वर्षों में विभिन्न कंपनियों की 87 अलग-अलग वैक्सीन के सैंपल फेल हो चुके हैं। ये सैंपल फेल होने के बाद औषधि महानियंत्रक की ओर से कार्रवाई की जा चुकी है। वर्तमान में तीन वैक्सीन सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेटरी (सीडीएल) कसौली के मानकों पर खरी नहीं उतरी है। इनमें मेनिंगोकोकल पॉलीसेकेराइड वैक्सीन (एएंडसी) का एक, कोरोना वैक्सीन का एक और टायफाइड वैक्सीन का एक सैंपल शामिल है।
इसकी पुष्टि सीडीएल कसौली की वेबसाइट के माध्यम से हुई है। गौर रहे कि भारत में बनने समेत आयात और निर्यात होने वाली वैक्सीन को सीडीएल कसौली क्वालिटी और कंट्रोल परीक्षण के लिए भेजा जाता है। यहां से ग्रीन टिक मिलने के बाद ही कोई कंपनी बाजार में वैक्सीन उतार सकती है। इसी के साथ दवा निरीक्षक भी बाजार में उतरी दवाओं का सैंपल भरते हैं। इसके बाद उन्हें जांच के लिए सीडीएल कसौली भी भेजा जाता है।
बीते दिनों भी टायफाइड वैक्सीन का रैंडम सैंपल सीडीएल में जांच के दौरान फेल हुआ है। इसी के साथ कोरोना वायरस वैक्सीन का सैंपल जांच के दौरान ही फेल पाया गया। वैज्ञानिकों का दावा, तापमान के चलते खराब हुई होगी दवा हाल ही में टायफाइड वैक्सीन के फेल होने के बाद वैज्ञानिकों ने तापमान ठीक न होने का दावा किया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जब दवा विभाग की ओर से सैंपल भरा होगा, उस दौरान तापमान में उतर-चढ़ाव आने के कारण यह फेल हुआ है, क्योंकि यह सैंपल बाजार में उतरी वैक्सीन में से ही लिया गया है।