हिमाचल के 13 औद्योगिक
हिमाचल प्रदेश के 13 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में इलेक्ट्रिक व्हीकल और ड्रोन मरम्मत के कोर्स शुरू होंगे। हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज बिलासपुर के पाठ्यक्रम में बीटेक कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस डाटा साइंस) को शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि छात्रों को रोजगारोन्मुखी तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, घुमारवीं, गरनोटा, नादौन, सुन्नी, शाहपुर, पालमपुर, शमशी, नाहन, जुब्बल, ऊना, पंडोगा, सुंदरनगर (विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों के लिए) और नालागढ़ में इलेक्ट्रिक व्हीकल मेकेनिक, मेंटेनेंस मेकेनिक, सोलर तकनीशियन, ड्रोन तकनीशियन, मेकेट्रॉनिक्स और इंटरनेट ऑफ थिंग्स के कोर्स शुरू किए जाएंगे। सरकारी संस्थानों में शीघ्र ही रोबोटिक्स, ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी, साइबर सुरक्षा, क्लाउड कंप्यूटिंग डाटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसे पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे, इससे युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त होंगे। विश्व बैंक की ओर से एसटीआरआईवीई परियोजना में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों अर्की, बगस्याड, बरठीं, भोरंज, बिलासपुर (महिला), दीगल, मंडी (महिला), नैहरनपुखर, नूरपुर, सलियाणा, शिमला और ऊना के बुनियादी ढांचे में भी सुधार किए जाने प्रस्तावित हैं।
इसके अलावा इस परियोजना के तहत पांच औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों पपलोग, सुन्नी, धर्मशाला, बड़ोह और सुजानपुर में ऑन-ग्रिड सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। इसी क्रम में चयनित इंजीनियरिंग कॉलेजों व बहुतकनीकी संस्थानों में तकनीकी शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए मल्टी डिस्सिप्लिनरी एजूकेशन एंड रिसर्च इम्प्रूवमेंट इन टेक्निकल एजुकेशन परियोजना कार्यान्वित की जाएगी। पहले चरण में अगले पांच वर्षों में चार इंजीनियरिंग महाविद्यालयों और आठ बहुतकनीकी संस्थानों को इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा। इस कार्यक्रम के अंतर्गत चयनित प्रत्येक इंजीनियरिंग कॉलेज को दस करोड़ और प्रत्येक बहुतकनीकी संस्थान के उन्नयन के लिए पांच करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे।