गगल एयरपोर्ट
गगल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की भौगोलिक परिस्थितियों की जांच करने के किया गया ड्रोन सर्वे पूरा हो चुका है। सूत्रों के अनुसार अब इस सर्वे रिपोर्ट को पर्यटन निदेशालय के समक्ष एक माह के भीतर पेश किया जाएगा। इसके बाद निदेशालय की ओर से इस रिपोर्ट की तकनीकी फाइनल डाटा रिपोर्ट को भारतीय विमानन प्राधिकरण केंद्रीय जल और विद्युत अनुसंधान केंद्र (सीडब्ल्यूपीआरएस) पुणे की टीम के साथ साझा किया जाएगा। गौरतलब है कि भारतीय विमानन प्राधिकरण केंद्रीय जल और विद्युत अनुसंधान केंद्र की हरी झंडी के बाद गगल एयरपोर्ट की जद में आने वाले गांवों का सामाजिक प्रभाव आंकलन सर्वे हुआ था।
अब ड्रोन सर्वे के माध्यम से यहां विस्तारीकरण को लेकर भौगोलिक परिस्थितियों की जांच की गई है। विस्तारीकरण के बाद यहां 320 सीटर जहाज उतर पाएगा, जिससे दिल्ली से कांगड़ा के हवाई सफर का किराया आधा होने की संभावना रहेगी। ड्रोन सर्वे के बाद डीपीआर की जाएगी तैयार एयरपोर्ट विस्तारीकरण को किया गया ड्रोन सर्वे विस्तारीकरण की वास्तविक तस्वीर को पेश करेगा। इसके आधार पर पूरे हवाई अड्डे का कंप्यूटराइज्ड मॉडल तैयार किया जाएगा। स्ट्रिप के लिए तैयार होने वाले ग्राउंड की लेवलिंग व मांझी खड्ड पर बनने वाले पुल सहित आसपास के क्षेत्रों से आने वाले पानी की चैनलाइजेशन का कार्य इसी सर्वे के आधार पर किया जाएगा।
ऐसे में प्रारंभिक औपचारिकताएं पूरी होने के बाद ड्रोन सर्वे कर हवाई पट्टी का मॉडल तैयार कर लिया जाएगा। गगल एयरपोर्ट विस्तारीकरण का लेकर ड्रोन सर्वे पूरा कर लिया गया है। इसकी फाइनल रिपोर्ट सीडब्लयूपीआरएस पुणे की टीम को भेजी जाएगी। पुणे की ओर से हवाई पट्टी के निर्माण को मॉडल तैयार किया जाएगा। इस मॉडल के आधार पर भविष्य में हवाई पट्टी निर्माण की प्रकिया का पता चल पाएगा। – विनय धीमान, पर्यटन अधिकारी, जिला कांगड़ा।