हिमाचल प्रदेश में 18
हिमाचल प्रदेश में 18 दिन के भीतर 1535 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हो चुकी है। इसकी एवज में प्रदेश के 250 किसानों को पौने तीन करोड़ का भुगतान उनके बैंक खातों में किया गया है। सबसे ज्यादा सिरमौर की पांवटा साहिब और कांगड़ा जिला की रियाली मंडियों में किसान अपनी उपज लेकर पहुंचे हैं। इसके मुकाबले दूसरी मंडियों में गेहूं खरीद की रफ्तार काफी धीमी है। कई मंडियां ऐसी भी हैं, जहां अभी एक भी किसान उपज लेकर नहीं पहुंचा है। माना जा रहा है कि कई जगह गेहूं की पैदावार में कमी और बेमौसम बारिश के बीच कटाई का कार्य रुकने से कई किसान मंडियों तक नहीं पहुंचे हैं।
सिरमौर के कालाअंब में स्थित एफसीआई की मंडी और जिला कांगड़ा की फतेहपुर मंडी में एक भी किसान ने गेहूं नहीं बेची है। इसके अलावा सोलन के नालागढ़, बद्दी और ऊना के टकारला व रामपुर में किसान दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू पाए हैं। प्रदेश में अब तक 1175 किसान अपना पंजीकरण करा चुके हैं। 828 किसानों को टोकन जेनरेट हो चुके हैं, जिनमें 323 किसान मंडियों में उपज बेच चुके हैं। 289 किसानों की पेमेंट लगभग फाइनल हो चुकी है। इनमें से 250 को उनके बैंक खातों में भुगतान हो चुका है। 83 किसानों को 72 घंटे के भीतर भुगतान हो जाएगा। राज्य खाद्य आपूर्ति निगम के एरिया मैनेजर हुसन सिंह ने बताया कि सिरमौर व कांगड़ा की दो मंडियों में सबसे ज्यादा किसान उपज लेकर पहुंच रहे हैं। 10 अप्रैल से मंडियों में गेहूं खरीद शुरू की गई थी। खराब मौसम के कारण शुरुआती दौर में कम किसान मंडी पहुंचे थे। दूसरी मंडियां भी जल्द रफ्तार पकड़ेंगी।