मां बगुलामुखी जयंती
मोनिका शर्मा, धर्मशाला
कांगड़ा शहर से सटे सहौड़ा गांव के शिवबाड़ी मंदिर में मां बगुलामुखी जयंती की दूर दूर से पहुंचे भक्तों ने हवन में आहुतियां डाल कर मां का आशिर्वाद किया। इस मौके पर भक्तों ने मां पितांभरा और शत्रुनाशिनी मां बगुलामुखी के आलौकिक रूप के दर्शन किए।
आयेाजक पंडित संजय भारद्वाज ने बताया कि इस अवर पर मंदिर परिसर को सजाया गया है। उन्होंने कहा कि अब तक कई बड़े आयोजन करवा चुके हैं। इस मौके पर मां का अभिषेक गया । और मां बगुलामुखी का आलौकिक श्रृंगार किया गया। मां को 56 प्रकार का भोग लगाया गया। जाएगा। तदोपरांत हवन के बाद विशाल लंगर लगाया गया, जिसमे आए हुए श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। संजय भारद्वाज ने बताया कि मां बगलामुखी उन दस महाविद्याओं में से एक हैं, जिन्हें तंत्र से जुड़ी सबसे बड़ी देवी माना गया है। पंडित संजय भारद्वाज ने मां बगुलमुखी से सारे समाज की सुख समृद्धि की कामना की है।
मन की मुराद करती हैं पूरी
पंडित संजय भारद्वाज ने बताया कि मां बगुलामुखी के बारे में मान्यता है कि उनके दरबार में जाने वाले हर छोटे-बड़े व्यक्ति की मनोकामना जरूर पूरी होती है। माता बगुलामुखी को जीत का वरदान दिलाने वाली देवी के रूप में भी पूजा जाता है। यही कारण है कि देश में जहां कहीं भी उनका पावन पीठ है, वहां पर नेतागण जीत का आशीर्वाद पाने के लिए जरूर पहुंचते है।