कांगड़ा हवाई अड्डे
गगल स्थित कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तारीकरण को भौगोलिक परिस्थितियों की जांच करने के लिए सात सदस्यों की टीम की ओर से ड्रोन सर्वे किया जा रहा है। वपकोस प्रोजेक्टर कंपनी की सात सदस्यीय टीम सोमवार से अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान एयरपोर्ट विस्तारीकरण की जद में आने वाले क्षेत्र का ड्रोन से सर्वे कर रही है। सर्वे के दौरान बनोई खड्ड से इच्छी स्थित सरकारी स्कूल तक सर्वे किया जा रहा है।
एयरपोर्ट के विस्तार को लेकर भारतीय विमानन प्राधिकरण केंद्रीय जल और विद्युत अनुसंधान केंद्र (सीडब्ल्यूपीआरएस) पुणे की टीम ने हरी झंडी देने के बाद गगल एयरपोर्ट की जद में आने वाले गांवों का सामाजिक प्रभाव आकलन सर्वे हुआ था। अब ड्रोन सर्वे के माध्यम से यहां विस्तारीकरण को लेकर भौगोलिक परिस्थितियों की जांच की जा रही है। विस्तारीकरण के बाद यहां 320 सीटर जहाज उतर पाएगा, जिससे दिल्ली से कांगड़ा के हवाई सफर का किराया आधा होने की संभावना रहेगी। ड्रोन सर्वे हवाई अड्डे के विस्तारीकरण की वास्तविक तस्वीर पेश करेगा। इसके आधार पर पूरे हवाई अड्डे का कंप्यूटरीकृत मॉडल तैयार किया जाएगा।
स्ट्रिप के लिए तैयार होने वाले ग्राउंड की लेवलिंग व मांझी खड्ड पर बनने वाले पुल सहित आसपास के क्षेत्रों से आने वाले पानी की चैनलाइजेशन का कार्य इसी सर्वे के आधार पर किया जाएगा। ऐसे में प्रारंभिक औपचारिकताएं पूरी होने के बाद ड्रोन सर्वे कर हवाई पट्टी का मॉडल तैयार कर लिया जाएगा। इसके बाद इस प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार की जाएगी। ड्रोन सर्वे से मिलेगी एयरपोर्ट विस्तार के ड्राफ्ट बनाने में मदद एयरपोर्ट विस्तारीकरण को लेकर चल रहे ड्रोन सर्वे से तकनीकी फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनाने में सहायता मिलेगी। वहीं, सर्वे से एकत्रित डाटा पुणे की टीम के साथ भी साझा किया जाएगा। इससे पुणे की टीम को एयरपोर्ट में पुल तैयार करने के लिए सहायता मिलेगी। – विनय धीमान, उपनिदेशक, जिला पर्यटन विभाग कांगड़ा।