धर्मशाला में सरकारी
हिमाचल की दूसरी राजधानी धर्मशाला में सरकारी पैसे के दुरुपयोग का मामला सामने आया है। धर्मशाला के सिद्धबाड़ी में स्किल डिवेल्पमेंट ट्रेनिंग सेंटर भवन तीन साल से धूल फांक रहा है। करीब 3 साल पहले तैयार इस भवन का इस्तेमाल नहीं हो पाया है। इस भवन में हिमाचल के शहरी क्षेत्रों के युवाओं को ट्रेंड किया जाना था। इस भवन में एक साथ पांच ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाए जाने की व्यवस्था थी। युवाओं को ट्रेनिंग के साथ ठहरने का भी इंतजाम है। इस बिल्डिंग में हर सुविधा है,लेकिन सिस्टम की नाकामी के चलते इस भवन का इस्तेमाल नहीं हो पाया है। इस भवन पर ताला लटका होने से शहर के बुद्धिजीवी वर्ग में रोष व्याप्त है।
जानकारी के अनुसार इस भवन पर 2 करोड़ 18 लाख रुपए खर्च हुए हैं। जानकारी के अनुसार कांगड़ा,मंडी और शिमला से इस तरह के केंद्रों की डिमांड आई थी। इन्हीं में केंद्रों में धर्मशाला के सिद्धबाड़ी का केंद्र बना है। एशियन डिवलेल्पमेंट के पैसे से तैयार इस भवन में होस्टल, किचन से लेकर हर सुविधा है। बिल्डिंग के बनने के बाद इसमें कोई ट्रेनिंग प्रोग्राम नहीं चला। इससे शहर के युवा खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
कैप्टन जेएम पठानिया का रहा सहयोग
जिस समय यह भवन बना, उस वक्त रिटायर्ड आईएएस आफिसर कैप्टन जेएम पठानिया अर्बन डिवेल्पमेंट के डायरेक्टर थे। इन भवनों के निर्माण में उनका अहम रोल रहा है। जेएम पठानिया कहते हैं कि इस भवन का इस्तेमाल होना चाहिए। यहां कोर्स चलने चाहिएं। हिमाचल में स्किल लेबर तैयार करने की दिशा में यह केंद्र बड़े मददगार साबित हो सकते हैं।
कितने अहम हैं ये सेंटर
हिमाचल के कारखानों में अकसर 70 फीसदी प्रदेश के युवा इसलिए नहीं मिल पाते, क्योंकि वे स्किल नहीं होते। प्रदेश में कार्यरत देश-विदेश की नामी कंपनियों के इस तर्क के बाद प्रदेश में एक अनूठी मुहिम छिड़ी थी। इस मुहिम का नाम है हिमाचल कौशल विकास निगम के तहत युवाओं को प्रशिक्षित करना। इस सरकार में भी कौशल विकास निगम की योजनाओं का कागजों में प्रचार तो हो रहा है,लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ नहीं हो रहा है।
इस भवन का इस्तेमाल न हो पाना दुख की बात है। इस भवन का शीघ्र इस्तेमाल करवाया जाएगा। सरकारी पैसे का दुरुपयोग नहीं होने दिया जाएगा। मैं व्यक्तिगत रूप से इसमें प्रयास करूंगा – सुधीर शर्मा, विधायक, धर्मशाला