नई पौध को नशे
नई पौध को नशे से बचाने के लिए हर क्षेत्र में विभिन्न संगठन ओर सरकारी तंत्र हर संभव प्रयास कर रहा है। वहीं स्कूलो में भी कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर इस सामाजिक बुराई से दूर रहने के लिए युवा पीढ़ी को जागरूक किया जा रहा है। इसी अभियान के अंतर्गत स्कूलो के आसपास उगने वाले नशीले पौधों को जड़ से उखाड़ने के लिए समय- समय अभियान छेड़ा जाता है। वैसे तो स्कूलों के आसपास भांग आदि की नशीली पौध कम ही दिखती है। इसकी वजह यह भी है कि स्कूलों में एनएसएस शिविर या खेलकूद पीरियड के दौरान स्कूल परिसरों को साफ सुथरा बनाया जाता है। तो पुलिस के सहयोग से भी समय-समय पर भांग उखाड़ों अभियान छेड़ा जाता है। यही वजह भी है कि स्कूल परिसरों के आस-पास भांग की पौध न के बराबर ही है।
स्कूल परिसर को विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर साफ सुथरा बनाया जाता है। वैसे तो स्कूल परिसर के समीप नशीले पौधे कम ही उगते हैं। फिर भी इन पौधों को जड़ से उखाडने के लिए समय समय पर अभियान छेड़ा जाता है। यही नहीं शिविरों के दौरान बच्चों को नशीले पदार्थों से दूर रहने का संदेश दिया जाता है। -सुरेश कुमार, मुख्याध्यापक कैंट बोर्ड हाई स्कूल योल
शिविर के आयोजन का भी यही उद्देश्य रहता है कि स्कूल परिसर तथा आसपास को साफ सुथरा बनाया जा सके। वहीं आसपास नशीले पौधों को जड़ से उखाड़ने का मुख्य कार्य रहता है। हमारी युवा पीढ़ी नशे से दूर रहें। स्कूल में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों को इन नशीले पौधों को चाहे वो कहीं भी हो उखाड़ने के लिए प्रेरित किया जाता है। -अशोक काजल, प्रधानाचार्य हिमालयन भारती पब्लिक स्कूल टंग
नरवाना हम अपने घरों के समीप भी भाग के पौधों को उगने से पहले ही जड़ से उखाड फैंकतें हैं। बच्चों को इनसे दूर रहने के लिए जागरूक करते रहते हैं। इस अभियान में हर किसी को अपनी सहभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि हमारी नई पौध नशे से दूर रह सके। -पवन कश्यप