मत्स्य पालन को बढ़ावा
राज्य में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के मद्देनजर प्रधानमंत्री संपदा योजना के तहत केंद्र ने इस बार 11.2696 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत हुआ है। इसमें पिछले दो सालों का बजट भी शुमार है। यह सेंटर शेयर है, जबकि दस फीसदी राज्य सरकार की ओर से जारी किया जाएगा। योजना के तहत मत्स्य विभाग की ओर से लाभार्थियों को बोट की खरीददारी, नेट जाल व पौंड निर्माण सहित विभिन्न कार्यों के लिए सबसिडी प्रदान की जाएगी। केंद्र सरकार ने मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए हिमाचल प्रदेश को 11.2696 करोड़ का बजट जारी किया है। इसके तहत 2020-21 के लिए 469.4975 लाख रूपए का बजट स्वीकृत हुआ है जिसमें से 250.6855 लाख सामान्य वर्ग और 147.146 लाख अनूसूचित वर्ग व 71.666 लाख रुपए अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए खर्च किए जाने का प्रावधान है। इसी तरह 2021-22 के लिए 301.385 लाख रुपए का बजट स्वीकृत हुआ, जिसमें से 227.77 लाख रुपए सामान्य वर्ग, 34.04 लाख अनुसूचित जाति व 39.575 लाख रुपए अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए खर्च किए जाएंगे।
इसके अलावा 2022-23 में 334.7375 लाख रुपए स्वीकृत हुए जिसमें 227.1825 लाख रुपए सामान्य वर्ग, 69.5125 लाख रूपए अनुसूचित जाति वर्ग व 38.0425 लाख रुपए अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए खर्च होंगे। कुल बजट 1105.62 लाख रुपए है जिसमें 705.638 लाख रुपए सामान्य वर्ग, 250.6985 लाख अनुसूचित जाति और 149.2835 लाख रूपए अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए खर्च होंगे। इसके अलावा 21.34 लाख रूपए का बजट अलग से है। इस लिहाज से कुल मिलाकर 11.2696 करोड़ रूपए का बजट बनता है जिसे मछली पालन क्षेत्र की प्रगति के लिए अलग अलग योजनाओं पर खर्च किया जाएगा। -एचडीएम किस्तों में मिलेगा बजट हिमाचल में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने और बेरोजगारों के लिए ज्यादा से ज्यादा स्वरोजगार के अवसर सृजित करने को लेकर प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत विभाग ने बजट के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा था। बजट किस्तों में जारी किया जाता है जिसके तहत इस बार आए बजट में पिछले दो सालों का बजट भी शामिल है। योजना के तहत मत्स्य पौंड, रेयरिंग एंड ग्रोअर यूनिट्स, रेस-वेज, रेफ्रिजरेटिड व्हीकल, मोटरसाइकिल व थ्री-व्हीलर, किश्तियां व जाल, फीड मिल और वायोफ्लॉक सिस्टम के तहत तालाबों का निर्माण भी शुमार हैं। यहां बता दें कि मत्स्य पालन करने के इच्छुक लोगों को सरकार की तरफ से सबसिडी दी जाएगी।