सरकार ने टारिंग
हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष 2,000 किलोमीटर सड़कों पर टारिंग होगी। प्रदेश सरकार के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग ने टारिंग का लक्ष्य निर्धारित कर लिया है। अगस्त तक सड़कों को दुरुस्त किया जाना है। सरकार ने टारिंग करने के लिए टेंडर करने के निर्देश दिए हैं। जूनियर इंजीनियर से लेकर अधिशासी अभियंता टारिंग के समय फील्ड में तैनात रहेंगे। टारिंग में गड़बड़ी पाए जाने पर ठेकेदार और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
हिमाचल में बर्फबारी व बारिश कम होने से कई जिलों में सड़कों को कम नुकसान हुआ है। लाहौल स्पीति, किन्नौर, चंबा और जिला शिमला के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी और बारिश से ज्यादा सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। हिमाचल में अब मौसम साफ हो गया है। किन्नौर और लाहौल-स्पीति को छोड़कर अन्य जिलों के शहरों का अधिकतम तापमान 30 डिग्री से ज्यादा है।
यह तापमान टारिंग के लिए उपयुक्त माना जाता है। उधर, लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ अजय गुप्ता ने बताया कि हिमाचल में सड़कों की टारिंग शुरू कर दी है। 2,000 किलोमीटर सड़कों पर टारिंग की जानी है। इसके अलावा जिन क्षेत्रों में सड़क के किनारे डंगे ढह गए हैं, उन्हें भी ठीक किया जाएगा। मौसम साथ देता है तो ज्यादा सड़कों की टारिंग की भी जा सकती है। टारिंग के समय लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को फील्ड में तैनात रहने को कहा गया है।