जलोड़ी जोत यातायात
आउटर सराज के लोगों को अब सौगात वाली खबर आई है। बीते तीन दशकों से आउटर सराज की पांच दर्जन से अधिक पंचायतों को जिला मुख्यालय कुल्लू से जोडऩे वाली बहुप्रतीक्षित एवं प्रस्तावित जलोड़ी जोत यातायात सुरंग निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। आउटर सराज के लोगों को अब दिल्ली की बहुराष्ट्रीय कंपनी अल्टीनौक ने टेंडर में बाजी मारी है। हालांकि देश की चार कंपनियों ने इस टनल के निर्माण में अपनी दिलचस्पी दिखाई थी, किंतु दिल्ली की अल्टीनौक कंसलटिंग इंजीनियरिंग ने सबसे कम रेट भरकर भूतल परिवहन विभाग से टनल का निर्माण कार्य हासिल किया है। लिहाजा नेशनल हाई-वे के अधिकारियों ने निर्माता एजेंसी को अवार्ड लैटर भी जारी कर दिया है।
पिछले तीन दशकों से फाइलों में दफन जलोड़ी टनल का सर्वे एवं टेंडर प्रक्रिया कई बार रद्द हुई, जिसका खामियाजा 70 पंचायतों के लोगों को झेलना पड़ा था किंतु अबकी बार टनल निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय द्वारा करवाए गए टेंडर प्रक्रिया में देश की चार प्रमुख कंपनियों में प्रतिस्पर्धा हुई जिसमें अल्टीनौक कंपनी ने टनल निर्माण का अवार्ड लैटर प्राप्त किया है। नेशनल हाई-वे के सहायक अभियंता टीएस शर्मा ने पुष्टि करते हुए कहा कि दिल्ली की कंपनी अल्टीनौक जलोड़ी जोत टनल का निर्माण करेगी। उन्होंने बताया कि दस वर्षों तक टनल की मरम्मत एवं रखरखाव इसी कंपनी के अधीन रहेगा जबकि पांच किलोमीटर लंबी इस भूमिगत सुरंग का सर्वे भू-वैज्ञानिकों ने हेलिकॉप्टर के माध्यम से किया था।
उन्होंने बताया कि इस टनल का रूट हिड़ब सजवाड़ से खनाग के लिए डाइवर्ट होगा तथा जलोड़ी जोत की बर्फीली पहाडिय़ों को चीरते हुए आनी क्षेत्र के कंढुगाड़ में प्रवेश करेगी। गौरतलब यह है कि 10800 फीट की ऊंचाई पर बनाई जा रही इस टनल के निर्माण से आनी की लगभग 70 पंचायतों के हजारों लोगों को सर्दियों में भी परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी। जबकि कुल्लू मनाली का सफर शिमला से भी नजदीक होगा। उक्त टनल का निर्माण सम्यक दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण है। टनल के बनने से चीन के बॉर्डर पर किन्नौर और लाहुल-स्पीति के इलाकों में सेना की आवाजाही भी सुगम होगी। बहरहाल आउटर सराज के लोगों को सौगात वाली खबर है।