कैग रिपोर्ट के अनुसार
कैग रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021-22 के दौरान राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के 12 उद्यमों की ओर से उठाई 498.55 करोड़ की कुल हानि में से हिमाचल पथ परिवहन निगम ने 40.23 करोड़ की हानि दर्ज की। 30 सितंबर 2022 तक के नवीनतम अंतिम रूप दिए लेखाओं के अनुसार राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड, प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड और प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड भी क्रमवार 185.32 करोड़, 132.06 करोड़ और 128.24 करोड़ की हानि के भागीदार बने। राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के 14 उद्यमों में 4,378.24 करोड़ की संचित हानि पाई।
इनमें राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के 12 उद्यमों में 30 सितंबर 2022 तक के नवीनतम अंतिम रूप दिए लेखाओं के अनुसार 498.55 करोड़ की हानि हुई। राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के 13 में से 9 उद्यमों का नेटवर्थ संचित हानियों के कारण पूरी तरह समाप्त हो गया एवं उनका नेटवर्थ या तो शून्य या ऋणात्मक था। 30 सितंबर 2022 तक नवीनतम अंतिम रूप दिए गए लेखाओं के अनुसार राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के 26 कार्यशील उद्यमों में से 10 कार्यशील उद्यमों ने 2020-21 में राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के 11 उद्यमों की ओर से अर्जित 28.18 करोड़ के लाभ की तुलना में 21.47 करोड़ का लाभ अर्जित किया। राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के पांच उद्यमों ने या तो अपने प्रथम लेखे लाभ व हानि लेखे नहीं बनाए थे अथवा उनकी आय से अधिक व्यय की प्रतिपूर्ति सरकार की ओर से की गई थी।
राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के केवल दो उद्यमों ने 0.71 करोड़ का लाभांश घोषित किया या भुगतान किया। राज्य नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड ने 0.35 करोड़ एवं प्रदेश सामान्य उद्योग निगम लिमिटेड ने 0.36 करोड़ का किया। लाभ अर्जित वाले राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के चार उद्यमों ने र 2.42 करोड़ का लाभांश सरकार को नहीं चुकाया। लाभ अर्जित वाले राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के बाकी के चार उद्यम सरकार की नीति के भुगतान करने के योग्य नहीं थे। 30 सितंबर 2022 तक नवीनतम अंतिम रूप दिए गए लेखाओं के अनुसार लाभ अर्जित करने वाले राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के 10 कार्यशील उद्यमों का इक्विटी पर प्रतिफल 16.45 प्रतिशत था। वर्ष 2019-22 के दौरान राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के कार्यशील 26 उद्यमों की आय ऋणात्मक होने के कारण इक्विटी पर प्रतिफल की गणना नहीं की जा सकी।
4,752.14 करोड़ के अनुदानों के लिए कुल 3,619 बकाया उपयोगिता प्रमाणपत्र
कैग के अनुसार 4,752.14 करोड़ के अनुदानों के लिए कुल 3,619 बकाया उपयोगिता प्रमाणपत्रों में से 2,359.15 करोड़ के अनुदानों के लिए 1,796 उपयोगिता प्रमाणपत्र 2015-16 से 2019-20 की अवधि से संबंधित थे। बकाया उपयोगिता प्रमाणपत्रों की कुल 4,752.14 करोड़ की राशि में से 81.43 प्रतिशत चार विभागों से संबंधित थे। पंचायतीराज के लिए 33.25 प्रतिशत यानी 1,580.03 करोड़, शहरी विकास के लिए 23.87 प्रतिशत यानी 1,134.45 करोड़, आयुर्वेद यानी आयुष के लिए 13.42 प्रतिशत 637.98 करोड़ और ग्रामीण विकास के लिए 10.89 प्रतिशत यानी 517.42 करोड़ रुपये था।