हिमाचल का ऑर्गेनिक सेब
हिमाचल का ऑर्गेनिक सेब पहली बार दुबई में निर्यात होगा। कोल्ड स्टोर में रखे इस सेब के लिए दुबई से मांग आई है। ठियोग से यह सेब रेफ्रिजरेटेड वैन में मुंबई भेजा जाएगा और मुंबई के जेएनपीटी पोर्ट से कार्गो के जरिये दुबई पहुंचेगा। ठियोग के संधू (बिशड़ी) निवासी युवा बागवान विनीत वर्मा के आर्गेनिक सेब को ऑनलाइन बिजनेस वेबसाइट के जरिये दुबई के इंपोर्टर से डिमांड मिली।
कंपनी ने अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत सेब के रसायन मुक्त होने को लेकर जानकारी हासिल की। मिट्टी और पोषक तत्वों की जानकारी के आधार पर पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद 325 रुपये प्रति किलो के रेट पर खरीद का फैसला हुआ। ठियोग की जैस घाटी स्थित कोल्ड स्टोर में रखे सभी 67 बॉक्स कंपनी खरीद रही है। एक बॉक्स का वजन 20 किलो के करीब है।
आर्गेनिक सेब पैदा करने की लागत 50% कम
रासायनिक सेब के मुकाबले आर्गेनिक सेब पैदा करने पर लागत करीब 50 फीसदी तक कम आती है। विनीत वर्मा का कहना है कि रासायनिक खादों और कीटनाशकों का इस्तेमाल नहीं होता। केंचुआ खाद का इस्तेमाल होता है। कोरोना के बाद स्वास्थ्य को लेकर लोगों के सजग होने से ऑर्गेनिक फल और सब्जियों की मांग बढ़ी है। लोग रासायनिक उत्पादों के स्थान पर आर्गेनिक उत्पाद खरीदने के लिए अधिक कीमत देने को भी तैयार है।
ऑर्गेनिक सेब की मार्केटिंग सबसे बड़ी चुनौती
ऑर्गेनिक सेब की मार्केटिंग सबसे बड़ी चुनौती है। सरकार दावे तो करती है, लेकिन सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। पिछले सात साल की मेहनत के बाद आर्गेनिक खेती करने और मार्केटिंग को लेकर ऑनलाइन कोर्स करने के बाद मार्केट तलाशी और अब पहली बार मेरा कोल्ड स्टोर में रखा आर्गेनिक सेब दुबई निर्यात हो रहा है।