छह जिलों को जोडऩे
हिमाचल के छह जिलों को जोडऩे वाले शिमला से मटौर फोरलेन के बारे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की एक कोशिश में नई उम्मीद जगाई है। यह फोरलेन मुख्यमंत्री के अपने चुनाव क्षेत्र से होकर भी गुजरता है। पिछले कुछ समय से ठंडे बस्ते में चल रहे इस प्रोजेक्ट पर मुख्यमंत्री द्वारा केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मामला उठाए जाने के बाद इसमें अचानक तेजी आई है। ये फोरलेन सडक़ बन जाने से धर्मशाला से शिमला की दूरी लगभग 21 किलोमीटर कम होगी और इससे लगभग नौ घंटे का सफर करीब पांच घंटे में पूरा हो सकेगा। इससे लोगों के समय एवं पैसे दोनों की ही बचत होगी।
बेहतर सडक़ संपर्क से यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में भी उत्तरोत्तर बढ़ोतरी होगी। शिमला-मटौर फोरलेन सडक़ परियोजना को साकार रूप प्रदान करने के लिए वर्षों से प्रयास किए जाते रहे हैं। विभिन्न कारणों से यह परियोजना पिछले कुछ वर्षों से गति नहीं पकड़ पा रही थी। हाल ही में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दिल्ली प्रवास के दौरान केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री से भेंट कर प्रदेश में संचालित की जाने वाली फोरलेन परियोजनाओं के कार्य को प्राथमिकता प्रदान करने का आग्रह किया था। इस बैठक की निरंतरता में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के सदस्य ने हिमाचल पहुंचकर प्रदेश सरकार से विभिन्न पहलुओं पर व्यापक विचार-विमर्श किया। एनएचएआई के समक्ष भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर इस सडक़ परियोजना को मूर्त रूप प्रदान करने में वर्तमान प्रदेश सरकार के प्रयास रंग लाए हैं।
शिमला से मटौर तक राष्ट्रीय राजमार्ग का उन्नयन कर इसे फोरलेन में बदलने के लिए अब भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है। इस परियोजना का कार्य विभिन्न पैकेज में पूरा किया जाएगा। प्रत्येक पैकेज को लगभग 40-45 किलोमीटर में विभाजित किया गया है। लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की अनुमानित लागत की इस परियोजना से शिमला, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, सोलन तथा कांगड़ा जिलों की लाखों की जनसंख्या सीधे लाभान्वित होगी। अपने विभिन्न कार्यों से इन जिलों के लोगों का राजधानी शिमला आना लगा रहता है।